छत्तीसगढ़बिलासपुर

स्कूल समेत सरकारी भवनों को गोबर से रंगने का आदेश, मोपका, सेलर और रानीगांव में लगेंगे प्लांट, बाजार से 50 रुपए सस्ता मिलेगा …

बिलासपुर । जयपुर से मास्टर ट्रेनर आ चुके हैं और पहले दौर की ट्रेनिंग दी जा चुकी है। तीनों स्थानों पर प्लांट लगाने के लिए शेड तैयार करने, मशीनरी खरीदने पर 1.30 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके लिए डीएमएफ से राशि स्वीकृत की जा चुकी है। सेलर में भवन पहले से बना हुआ है, इसलिए सबसे पहले वहीं उत्पादन होगा। गोबर पेंट केमिकलयुक्त पेंट की तुलना में अधिक गुणवत्ता वाला है। जैसे यह एंटीबैक्टीरियल, एंटी फंगल है और दीवारों को गर्म होने से बचाएगा। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके विक्रय में बिचौलिए नहीं होंगे। शासन ने इसका उपयोग पहले ही तय कर दिया है, इसलिए इसकी कीमत केमिकलयुक्त पेंट की तुलना में 50 रुपए से अधिक सस्ती होगी।

रायपुर के हीरापुर जरवाय और कोंडागांव गोठान की तर्ज पर नगर निगम के मोपका और जिला पंचायत के अंतर्गत बिल्हा के सेलर और रानीगांव गोठान में गोबर से पेंट तैयार करने का प्लांट लगाया जाएगा। अफसरों का दावा है कि सेलर का प्लांट 15 फरवरी से, मार्च में रानीगांव व मोपका में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। गोबर पेंट तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने जयपुर के राष्ट्रीय करप्पा हाथ कागज संस्थान से एमओयू किया है। इसके अंतर्गत वहां से गोबर पेंट तैयार करने की तकनीक हासिल की चुकी है। जयपुर में प्राकृतिक पेंट तैयार करने का काम चल रहा है।

गोबर को रिफाइन कर पेंट तैयार किया जाएगा। पहले सीएमसी तैयार कर उसमें पिगमेंट रंग, एडिटिव्स थिकनर व पेंट बाइंडर मिलाकर डिस्टेंपर अथवा इमल्शन पेंट का निर्माण किया जाता है। केमिकलयुक्त पेंट की कीमत 350 रुपए लीटर से शुरू होती है। वहीं गोबर युक्त पेंट 150 रुपए से शुरू होता है।

शेड के लिए 14.99 लाख का टेंडर कराया जा चुका है। मशीनरी खरीदने पर 24.16 लाख, इलेक्ट्रिफिकेशन पर 3.70 लाख, केमिकल खरीदी के लिए 9.9 लाख रुपए खर्च होंगे। इसके लिए राशि डीएमएफ से स्वीकृत की जा चुकी है। -कुणाल दुदावत, कमिश्नर

महिलाओं को रोजगार मिलेगा

गोबर पेंट से न केवल पर्यावरण की सुरक्षा संभव होगी, बल्कि गोठानों में सक्रिय महिला स्वसहायता समूह को भी रोजगार मिलेगा। शासन ने गोबर पेेंट की दर पीडब्ल्यूडी के एसओआर में जोड़ दिया है। स्कूल, अस्पताल और सरकारी भवनों को अब गोबर पेंट से ही रंगा जाएगा। इसके आदेश दिए जा चुके हैं। -सौरभ कुमार ,कलेक्टर, बिलासपुर

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