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अगले साल में सस्ता हो सकता है प्याज, मोदी सरकार ने बनाया ये प्लान…

रायपुर. सरकार ने कीमतों पर काबू पाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस साल 28 अक्टूबर से 31 दिसंबर तक प्याज के निर्यात पर 800 अमेरिकी डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाया गया है. साथ ही अगस्त में भारत ने प्याज पर 31 दिसंबर तक 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया था.

आम जनता के लिए राहतभरी खबर है. जनवरी महीने से प्याज की कीमतें 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ जाएगी. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह के मुताबिक, सरकार को उम्मीद है कि जनवरी तक प्याज की कीमतें मौजूदा औसत कीमत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम से घटकर 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे आ जाएगी. सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज की खुदरा बिक्री कीमत 80 रुपये प्रति किलोग्राम को पार करने और मंडियों में कीमतें 60 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास रहने के बाद पिछले हफ्ते अगले साल मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.

यह पूछे जाने पर कि प्याज की कीमतें 40 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे कब तक आने की उम्मीद है? रोहित सिंह ने कहा, ”बहुत जल्द…जनवरी.” रोहित सिंह ने कहा कि किसी ने कहा है कि यह (कीमत) 100 रुपये प्रति किलोग्राम को छू जाएगी. हमने कहा कि यह कभी भी 60 रुपये प्रति किलोग्राम को पार नहीं करेगी. आज सुबह अखिल भारतीय औसत 57.02 रुपये प्रति किलोग्राम रहा और यह 60 रुपये प्रति किलोग्राम को पार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि निर्यात प्रतिबंध से किसानों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

सचिव ने कहा, ” उन्हें (जो व्यापारी अलग-अलग कीमतों का फायदा उठा रहे थे) नुकसान होगा, लेकिन इससे फायदा किसे होगा.. भारतीय उपभोक्ता हैं.” उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) में प्याज की मुद्रास्फीति जुलाई से दोहरे अंक में रही है, जो अक्टूबर में चार साल के उच्चतम स्तर 42.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. इस वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया. मूल्य के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं.

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