छत्तीसगढ़रायपुर

महिला आयोग की पहल पर आवेदिका को मिलेगा 6 लाख 50 हजार रुपये की राशि और पैतृक संपत्ति में अधिकार …

दुर्ग । राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज जिला पंचायत सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत प्रकरणों पर जनसुनवाई की। महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में 21 जुलाई 2020 को डॉ नायक ने अपना कार्यकाल आरंभ किया और अपने कार्यकाल की आज उन्होंने 151 वीं जनसुनवाई की। दुर्ग जिले में आज उनकी 6 वी जनसुनवाई थी जिसमें कुल 30 प्रकरण रखे गये थे। इनमे से 11 प्रकरण नस्तीबद्ध किये गए एवं आयोग कार्यालय रायपुर में 4 प्रकरण को स्थानांतरित किया गया है, शेष प्रकरणों की सुनवाई आगामी महिला आयोग की जनसुनवाई में की जाएगी।

संपत्ति विवाद को लेकर आज एक आवेदिका जनसुनवाई में आई। 2017 में उसके पति का स्वर्गवास हो चुका है। जिसके पश्चात् पति के परिवारजनों के द्वारा आवेदिका को घर में स्थान नहीं दिया गया और आवेदिका को उसके अधिकारों से भी वंचित कर दिया गया है। आवेदिका ने बताया कि उसके पति के मृत्यु के बाद अनावेदकगणो ने पति के पैतृक संपत्ति जिसके अंतर्गत 10 एकड़ की जमीन आती है उसमें भी उसे उसके हिस्से से वंचित रखा है। इसके साथ ही 6 लाख 50 हजार रुपये की राशि, साढ़े तीन तोले सोने की ज्वेलरी और पोस्ट ऑफिस द्वारा प्रदान की गई पास बुक भी अनावेदकगण के पास है। अनावेदकगण ने भी जनसुनवाई में राशि, पासबुक और सम्मिलित खाते में जमीन होने पर हामी भरी है। अनावेदकगण ने बताया है कि भानुप्रतापुर में पुस्तैनी सम्पत्ति  लगभग 10 एकड़ कृषि भूमि जिसमें आवेदिका के पति का हिस्सा है वर्तमान स्थिति तक आवेदिका को उसमें हिस्सा नहीं दिया गया है। आगामी दिनांक को दोनो पक्ष रायपुर में उपस्थित होंगे और अनावेदकगण जमीन का दस्तावेज व पासबुक लेकर उपस्थित होंगें। जिससे इस प्रकरण में निराकरण सकरात्मक दिशा में किया जा सकेगा।

सामाजिक मुद्दे को लेकर भी एक प्रकरण आवेदिका द्वारा लगाया गया था। जिसमें आवेदिका को परिवारिक शोक पर भोज में कलेवा खिलाए जाने पर समाज से बहिष्कृत किया गया था और उसे दंड स्वरूप 17 हजार रूपए का अर्थदण्ड देने की स्थिति में समाज में मिलाने का निर्णय किया गया था। जिस पर आवेदिका द्वारा 17 हजार रूपए की राशि इकाई चक के सदस्यों को प्रदान की गई थी। जिसमें 5 हजार रूपए रसीद की प्रति भी उसके द्वारा जनसुनवाई में प्रदर्शित की गई और उसने बताया कि 12 हजार रूपए की रसीद उन्हें नहीं दी गई। इस पर आयोग के द्वारा अनावेदकगण को समझाईश दी गई की आवेदिका को 17 हजार रूपए वापिस करने के साथ-साथ सामाजिक बहिष्कार के निर्णय को भी वापस लेने के लिए निर्देशित किया गया है। डॉ. नायक ने आवेदिका को उनके अधिकारों से अवगत कराते हुए बताया कि इस निर्णय के पश्चात् भी यदि समाज उन्हें बहिष्कृत करता है तो उनके पास पुनः आयोग में आने का विकल्प है। अनावेदकगण ने आयोग की  समझाइश और निर्णय का पालन करते हुए 24 घण्टे के भीतर आवेदिका को 17 हजार रूपए वापिस करने की सहमति भी जाहिर की। जिसके लिए प्रमाण के रूप में दस्तावेज भी आयोग के पास जमा किए जाएंगे। प्रमाण प्राप्त होने पर आवेदिका के प्रकरण को नस्तीबद्ध किया जाएगा।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि समाज प्रमुखों ने उसे समाज से बहिष्कृत कर 7 हजार रूपये का अर्थदण्ड लिया गया और इसके अलावा अतिरिक्त दण्ड कि राशि मांग रहे थे। जिस पर आज आवेदिका ने आपसी राजीनामे के साथ लिखित आवेदन प्रस्तुत कर प्रकरण वापस लिया। आवेदिका ने बताया कि आयोग में शिकायत के बाद इसके सकारात्मक परिणाम दिखाई दिए जिसमें समाज ने आवेदिका के बहिष्कार निष्क्रीय किया और उससे लिए गए 07 हजार रूपए का अर्थदण्ड को उसे वापस किया। आयोग ने उपस्थित दोनो पक्षो को समझाईश दी कि इस तरीके के कार्य की पुर्नावृत्ति न हो। प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आज आवेदिका ने आवेदन प्रस्तुत किया है जिसे आयोग द्वारा रायपुर में स्थानांतरित किया गया है। प्रकरण में अनावेदक पति और उसकी दूसरी पत्नि का नाम भी प्रकरण में जोड़ने बाबत् उल्लेख किया है। अनावेदक पति शासकीय सेवा में प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ है व दूसरी पत्नी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। प्रकरण को रायपुर सुनवाई में रखा गया है और अनावेदकगणों को पुलिस थाना तुमड़ीमोड़ एवं उतई के माध्यम से उपस्थित कराने के निर्देश भी दिये गए हैं। जिससे कि इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के मकान पर अनावेदिका ने कब्जा कर रखा है पिछली सुनवाई में इस प्रकरण की जांच कराई गई थी। जिसमें यह पाया गया कि आवेदिका के पास साक्ष्य के रूप में उसके मकान की सम्पत्ति कर की रसीद है जिसे वह नियमित रूप से पटा रही है। घर मकान में अनावेदिका ने कब्जा कर रखा है व उसके पास कोई दस्तावेज भी नही है। आवेदिका द्वारा नगर निगम में पटाए जाने वाले प्रापर्टी टैक्स की कॉपी आयेाग में जमा की गई है। उभय पक्ष को समझाइश दिया गया और आवेदिका अपने सम्पत्ति के मालिकाना हक पाने के लिए न्यायालयीन प्रक्रिया की शरण में जा सकती हैं। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका व अनावेदक की ओर से प्रतिनिधि उपस्थित हुए। अनावेदक की ओर से आवेदिका को तय रूपये की वापसी का प्रस्ताव है। इस विषय पर दोनो पक्षों को जनवरी माह में आयोग कार्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि उसने आवेदिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया था। जिसमें आवेदिका ने जमानत लिया है। उसके बाद आयोग में प्रकरण प्रस्तुत किया है। मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक की ओर से नगरीय प्रशासन विभाग के डिप्टी डायरेक्टर उपस्थित हुए। अनावेदक ने जानकारी दी कि आवेदिका ने निर्वाह भत्ता हेतु अपील की है नियम अपील का निराकरण विभागीय तौर पर लंबित है। आवेदिका ने अपने प्रकरण की सुनवाई रायपुर में रखने का अनुरोध किया इस स्तर पर प्रकरण को फरवरी माह की सुनवाई हेतु रखा गया है।

लगातार ढाई साल से महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक द्वारा सक्रिय रूप से जनसुनवाई की जा रही है। जिसमें परिवारिक, सामाजिक और अन्य प्रकरण का निराकरण जनहित में करने का प्रयास आयोग द्वारा किया जा रहा है। सामाजिक बहिष्कार जैसे कुरीति में भी आयोग लगाम लगाने में सफल रहा है। जिसके अंतर्गत उसने सार्वाधिक राशि 01 लाख 63 हजार रूपए सामाज से पीड़ित को दिलवाई।आज की सुनवाई में अधिवक्ता श्रीमती रामकली यादव, एल्डरमैन रत्ना नारमदेव सहित जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन उपस्थित रहे।

Back to top button