छत्तीसगढ़रायपुर

अब गर्भवती और कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र की पोषण वाटिका से ही मिलेगा पोषक आहार …

रायपुर। नारायणपुर जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में महिला एवं बाल विकास विभाग की मदद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने गांव की महिलाओं के साथ मिलकर पोषण वाटिका तैयार की है। इससे अब उन्हें ताजी, हरी-भरी और पोषक से भरपूर सब्जियां उपलब्ध हो रही है। पोषण वाटिका से गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चो की सेहत में सुधार आयेगा। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वर्तमान में आंगनबाड़ी केन्द्रों को बंद रखा गया है, हितग्राहियों को मिलने वाले सामग्री का वितरण आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके घर-घर पहुंचकर किया जा रहा है।

पोषण अभियान अंतर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना के अधिकारियों एवं  पर्यवेक्षकों के मार्गदर्शन में पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्रों में निरीक्षण के दौरान महसूस हुआ कि नियमित हरी ,ताजी सब्जी न मिल पाने के कारण पोषण में कमी आ रही है। जिसके उपरांत गरम भोजन तैयार करने वाले समूह, ,आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं से चर्चा कर पोषण वाटिका विकसित करने का निर्णय लिया। नारायणपुर जिले में 273 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका तैयार किया जा चुका है।

इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रो में जिनके घर में पर्याप्त पानी और जगह की सुविधा थी, वहां पोषण वाटिका तैयार की गई। जहां पारिवारिक श्रम से कम लागत में मौसमी हरी सब्जी और भाजी का उत्पादन किया जा रहा है और उन्हें आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित कर बच्चों और गर्भवती माताओं को लाभान्वित किया जायेगा। पोषण वाटिका में मैथी भाजी, खट्टा भाजी, लाल भाजी ,प्याज भाजी, मिर्ची, धनिया पत्ती, लौकी, भिंडी, बरबट्टी, भाटा, सेमी, पपीता, केला, नीबू, और टमाटर आदि लगाया है। इसमें प्रमुख आकर्षण है कि इन सब्जियों का उत्पादन रासायनिक उर्वरकों की बजाय वर्मी कम्पोस्ट और जैविक खाद से किया जा रहा है। इससे सब्जियों में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते है।

पोषण वाटिका बनाने का उद्देश्य बच्चों और गर्भवती माताओं में एनीमिया और कुपोषण को दूर करना है जिससे कुपोषण मुक्त एवं स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ की संकल्पना को साकार किया जा सके, साथ ही समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना उनकी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ किया जा सके।

Back to top button