छत्तीसगढ़पेण्ड्रा-मरवाही

मरवाही एसडीएम ने “पौधा तुंहर द्वार” योजना में हर्बल पौधा वितरण का किया शुभारंभ …

मरवाही। पौधा तुंहर द्वार योजना के द्वारा अब छत्तीसगढ़ सरकार की योजना है कि गांव गांव घर घर हर्बल पौधे लगाए जाएं। इसी कड़ी में वनविभाग के तत्वाधान द्वारा स्थानीय प्रशासन द्वारा कई महत्वपूर्ण वानस्पतिक पौधों का वितरण किया जा रहा है। मरवाही अनुविभाग में इसकी सुरुवात एसडीएम रवि सिंह ने आज इन्ही हर्बल पौधों का वितरण करके की।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व रवि सिंह ने पौधा तुंहर द्वार योजना का सुभारम्भ करते हुए आम जन से अधिक से अधिक हर्बल पौधा लगाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इन पौधों के रोपण से स्वास्थय संवर्धन अभियान में महत्वपूर्ण योगदान रहता है।एसडीएम रवि सिंह ने कार्यक्रम में कहा कि सभी ग्रामीणों को अपने आसपास बड़ी,खेत व खलिहान में हर्बल औषधि पौधे अवश्य लगाना चाहिए। सिंह ने कहा कि पारंपारिक स्वास्थ्य संवर्धन अभियान को पूर्ण करना हम सभी का दायित्व है। रवि सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक स्वास्थ्य केंद्र एवं परिवहन व्यवस्था का अभाव होने के कारण आज भी स्थानीय समुदाय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति पर निर्भर है।जिनमे प्रायः इन्ही हर्बल पौधों का उपयोग होता है।

उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार एवम शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने के लिए इन औषधीय पौधे का उपयोग अत्यंत लाभकारी हैं। इनका शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। उन्होंने ब्राह्मी, गिलोय, गुड़मार सहजन, सतावर, स्टीवा, तुलसी, कालमेघ पीपली, हड़जोड़, अश्वगंधा, एलोवेरा, निर्गुंडी इत्यादि वन औषधि संपदा औषधीय गुणों का बखान किया जो मानव जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक औषधियां हैं ।रवि सिंह ने कहा कि इनके सेवन से मानव जीवन पर भी किसी भी प्रकार का कोई भी नुकसान नहीं होता है।

एसडीएम ने कहा कि सरकार समय-समय पर रोग निरोधक लाभकारी होम हर्बल गार्डन की परिकल्पना करती रही है पर हम सभी को भी इसमे अपेक्षित सहयोग देने की जरूरत है। ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में प्रचुर मात्रा में औषधि पौधों की उपलब्धता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में कुल औषधि पौधों की प्रजातियां लगभग 1525 है। जिसमें लताएँ 161 शाखाए 800 वट 262 व अन्य 294 सम्मिलित है।

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