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छत्तीसगढ़ के कई जिलों में बदली के साथ हुई बारिश, मौसम वैज्ञानिक बोले-आने वाले दिनों में हो सकती है तेज बारिश…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कई जिलों में शनिवार को सुबह से ही मौसम में नमी बनी रही। आसमान में घने बादल छाए रहे। दोपहर तक सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पाए। बिलासपुर समेत रायपुर, महासमुंद, राजनांदगांव का यही हाल है। बिलासपुर में बारिश होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं मौसम वैज्ञानिकों को कहना है कि 18 व 19 नवंबर को तेज बारिश हो सकती है। जो फसलों के लिए काफी नुकसादायक होगी।

रायपुर के वेदर कंट्रोल रूम में मौसम के हाल का जायजा लेने के बाद मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया है कि शनिवार को हुई हल्की बारिश से खड़ी फसलों को कुछ नहीं होगा। हां यदि कटा हुआ धान भीगा हो तो इससे नुकसान हो सकता है। हमने पाया है कि प्रदेश के कई जिले जैसे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, महासमुंद, बलौदाबाजार, जांजगीर के हिस्सों में बारिश हो सकती है। 18-19 नवंबर को तेज बारिश की संभावना है। इस बारिश से खेतों में खड़ी फसल और कट चुकी फसल को नुकसान हो सकता है।

हवा का एक चक्रवाती घेरा तमिलनाडु और उसके आसपास स्थित है। इस वजह से प्रदेश में कल 14 नवंबर को कुछ जगहों पर हल्की बारिश होगी। मौसम विभाग के मुताबिक तापमान में कोई बदलाव नहीं होगा। चक्रवात का घेरा अंडमान सागर और उससे लगे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर 15 नवंबर को पहुंच सकता है। यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 48 घंटे में आंध्रप्रदेश के तट पर जाएगा। इसी के प्रभाव से प्रदेश में 18 और 19 नवंबर को बारिश होगी।

प्रदेश में 70 प्रतिशत किसानों ने कटाई के बाद धान की फसल को अपने पास ही रखा है। अधिकांश गांवों में धान की ये फसल खुले में रखी हैं। प्रदेश में 1 दिसंबर से धान खरीदी होगी। तब तक किसान अपनी फसल को मौसम की मार से कैसे बचाएंगे ये डर उन्हें सता रहा है। इसी वजह से प्रदेश का विपक्षी दल भाजपा भी सरकार को कोस रहा है। बारिश के आंकड़ों पर गौर करें तो अब तक राज्य में 1141.9 मिमी से ज्यादा औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। कोरबा जिले में सबसे ज्यादा 1548.9 मिमी और महासमुंद जिले में सबसे कम 936.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।

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