मध्य प्रदेश

आदिवासियों की आय बढ़ाने मप्र सरकार का बड़ा फैसला : देशी-विदेशी के साथ अब प्रदेश में महुए से बनी शराब भी बिकेगी…

भोपाल/इन्दौर। मध्य प्रदेश में अब देशी विदेशी शराब के बाद महुए से बनी शराब भी बेचने की तैयारी की जा रही है l इसके लिये केबिनेट की मंजूरी के बाद अब अधिनियम में संशोधन कर दिया गया है। देशी और विदेशी दो प्रकार की शराब के साथ ही इस तीसरी शराब को बाज़ार में बेचने से पहले पुणे से विशेष टीम प्रदेश में अध्ययन भी करेगी। सरकार द्वारा अगले वित्त वर्ष से हेरिटेज शराब की बिक्री शुरू करने की योजना है।

इस शराब को ‘हेरिटेज’ शराब का नाम दिया गया है। आदिवासी इस शराब को महुए से बनाएंगे और उनकी संस्था इसके लिए काम करेगी। इस तरह प्रदेश में शराब दुकानों पर ग्राहकों को अब तीन तरह की शराब पीने को मिलेगी। गौरतलब है कि सरकार को पूरे प्रदेश में आबकारी विभाग से ही सबसे अधिक राजस्व मिलता है। कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद सबसे पहले शराब दुकानें ही खोली गईं थीं। इन्दौर जिले में इस वित्तीय वर्ष में सभी 173 दुकानों को 1 हजार करोड़ से अधिक में नीलाम किया गया है। इसमें विदेशी दुकानों की संख्या 65 से अधिक है।

 

सहायक आयुक्त राजनारायण सोनी के मुताबिक इसके लिए सरकार द्वारा आबकारी अधिनियम में संशोधन किया गया है। महुए से बनी शराब बाजार में बेचने से पहले अध्ययन भी किया जाएगा, जिससे यह ज्ञात होगा कि इस तीसरे तरह की शराब बिक्री की नीति कैसी होगी। पुणे से इसके लिए टीम बुलाई गई है। इस संबंध में प्रमुख सचिव ने भी आदेश जारी कर दिया है। हेरिटेज शराब को महुए से ही बनाया जाएगा और आदिवासियों की संस्था इसे बनाएगी व सरकार को बेचेगी। इसके लिए आदिवासियों की संस्था को शराब बनाने को ठेका दिया जाएगा।

 

उल्लेखनीय है मध्यप्रदेश में आदिवासी काफी अधिक संख्या में हैं। प्रदेश के 20 जिले आदिवासी बाहुल्य हैं, जहां लगभग 16 लाख के आसपास आदिवासी निवास करते हैं। प्रदेश के इन्दौर संभाग के बड़वानी, अलीराजपुर,  झाबुआ, धार में आदिवासियों की संख्या लाखों में है।

 

कच्ची शराब की बिक्री भी बढ़ेगी

उल्लेखनीय है आदिवासी वर्षों से कच्ची शराब बनाते आ रहे हैं और आदिवासी बाहुल्य इलाकों में इसकी बिक्री बड़े पैमाने पर अवैध रूप से होती है, जिससे सरकार को कोई लाभ नहीं मिलता है। हेरिटेज शराब बेचने की अनुमति के बाद कच्ची शराब की बिक्री भी बढ़ सकती है। इससे सरकार के राजस्व में अच्छा-खासा इजाफा हो सकता है।

उमा भारती ने किया था शराब बिक्री का विरोध

उधर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने पिछले दिनों कहा था कि प्रदेश में शराब अब नहीं बिकेगी। इसके लिए डंडे का उपयोग भी किया जाएगा। इसके बाद भी प्रदेश में आबकारी अधिनियम में संशोधन कर एक नई तरह की शराब की बिक्री की जा रही है। इसका मतलब साफ है कि प्रदेश सरकार ने उमा भारती के बयान का कोई तबज्जो नहीं दी है। इससे उमा भारती और सीएम शिवराजसिंह चौहान के बीच टकराहट बढ़ सकती है और प्रदेश की राजनीति में बबाल भी मच सकता है।

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