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युवाओं पर लाठीचार्ज बर्बर कार्यवाही, राज्यपाल व मानव अधिकार आयोग को लेना चाहिए संज्ञान : अमित जोगी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में क़ानून का नहीं बल्कि एक गिरोह का राज स्थापित हो चुका है जो उसके विरोध करने वालों को कुचलने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। इसका मेरा परिवार खुद भुक्तभोगी है।

अपने हक़ की लड़ाई लड़ रहे #चयनितशिक्षकअभ्यर्थियों के विरुद्ध बर्बरतापूर्ण कार्यवाही का संज्ञान महामहिम राज्यपाल और राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को लेना चाहिए। क्या निहत्थे शिक्षक अभ्यर्थियों के ख़िलाफ़ रायपुर पुलिस का इस प्रकार लाठी बरसाना मानव अधिकार का उल्लंघन नहीं है? NHRC इस घटना का suo moto संज्ञान लेते हुए एक उच्च स्तरीय जाँच दल रायपुर भेजने की कृपा करें।छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र ख़तरे में है! इस सम्बंध में मैं खुद उन्हें अवगत कराऊँगा।

अगर उसके बाद भी मुख्यमंत्री कुछ नहीं करते हैं तो #शिक्षकअभ्यर्थियों के विरुद्ध FIR रद्द करने के लिए CRPC की धारा 482 के अंतर्गत उच्च न्यायालय की शरण में जाना चाहिए।एक वकील होने के नाते शिक्षक अभ्यर्थियों के ख़िलाफ़ ग़ैर-क़ानूनी, बदले की भावना से की गई झूठी FIR रद्द करने और #शिक्षकभर्तीजल्दीहो। में मैं हर सम्भव सहयोग करूँगा और एक भी शिक्षक_अभ्यर्थी के ऊपर आँच भी आने नहीं दूँगा- ये आपके मित्र अमित अजीत जोगी का वादा है।

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