दुनिया

बहुमत साबित करने के पहले कमलनाथ ने दिया इस्तीफा : भाजपा पर लगाया सरकार को अस्थिर करने के आरोप

भोपाल। पिछले 17 दिनों से जारी राजनीतिक घमासान का आज मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफा देने के बाद समाप्त हो गया। कमलनाथ ने सरकार गिरने का पूरा ठीकरा भाजपा पर फोड़ा है और कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इधर, भाजपा में मुख्यमंत्री पद के चार दावेदार हैं। भाजपा को मुख्यमंत्री का चयन करना है। इस प्रेस कान्फेंस में भाजपा के एक विधायक शरद कोल ने भी इस्तीफा देने की घोषणा की।

सुप्रीम कोर्ट से कल फैसला आने के बाद से ही यह लगभग तय हो गया था कि मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ आज इस्तीफा दे देंगे। विधानसभा में आज शाम 5 बजे तक कमलनाथ को बहुमत सिद्ध करना था, निर्धारित समय से 5 घंटे पहले ही दोपहर 12 बजे एक प्रेस कान्फेंस बुलाकर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। मध्य प्रदेश में 17 दिन से जारी सियासी घमासान का अंत हो गया। उन्होंने कहा कि भाजपा को 15 साल और मुझे 15 महीने मिले। जब हमारी सरकार बनी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार 15 दिन-महीनेभर की है। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा को यह रास नहीं आया। प्रेस कॉन्फ्रेस के पहले भाजपा विधायक शरद कोल ने भी इस्तीफा दे दिया। स्पीकर एनपी प्रजापति ने कोल का इस्तीफा स्वीकार करने की जानकारी दी।

कमलनाथ ने लगाए ये आरोप

1. साजिश करती रही भाजपा

11 दिसंबर 2018 को मध्यप्रदेश विधानसभा का परिणाम आया। कांग्रेस को बहुमत मिला। भाजपा को 15 साल मिले। मुझे 15 महीने मिले। ढाई महीने लोकसभा चुनाव और आचार संहिता में गए। प्रदेश का हर नागरिक गवाह है कि भाजपा को प्रदेशहित में किए गए मेरे काम रास नहीं आए। बौखलाहट में वे मेरे खिलाफ साजिश करते रहे। महीनेभर में जब हमारी सरकार बनी थी तो हर 15 दिन में भाजपा नेता कहते थे कि ये सरकार 15 दिन-महीनेभर की सरकार है।

2. खेला गया प्रलोभन का खेल

कांग्रेस के 22 विधायकों को प्रलोभन देकर बंधक बनाने का काम किया है। करोड़ों रुपए खर्चकर प्रलोभन का खेल खेला गया। एक महाराज और उनके द्वारा प्रोत्साहित 22 लोभियों के साथ मिलकर भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। बागियों को जनता कभी माफ नहीं करेगी।

3. अस्थिर करते रहे सरकार

पिछले 15 महीने में हमने कई बार विधानसभा में बहुमत साबित किया। हमने जब यह बहुमत साबित किया तो उन्होंने इसे बर्दाश्त नहीं किया। मेरी सरकार को अस्थिर कर प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया। भाजपा को चिंता है कि प्रदेश नई दिशा में चल रहा है। वो लगे रहे कि वे मेरी सरकार को अस्थिर कैसे किया जाए। कमलनाथ ने कहा कि 15 महीनों में हमने तीन लाख किसानों का कर्ज माफ किया।

4. रास नहीं आ रहा था भाजपा को हमारा काम

प्रदेश की सड़कों पर घूम रही हमारी गो-माता के संरक्षण के लिए एक हजार गोशाला बनाने का फैसला किया। यह भाजपा को रास नहीं आया। प्रदेश की जनता को 100 यूनिट बिजली का फायदा प्रदेश के 1 करोड़ लोगों को हुआ। भाजपा को यह भी रास नहीं आया। कन्या विवाह में 28 हजार से बढ़कर 51 हजार रुपए की मदद की। भाजपा को यह रास नहीं आया। राम वनपथ गमन के निर्माण का संकल्प लिया। सीता माता का मंदिर श्रीलंका में बनाने का निर्णय लिया। यह भाजपा को रास नहीं आया।

ओंकारेश्वर के विकास की योजना हमने बनाई

हमने ओंकारेश्वर मंदिर के विकास की योजना बनाई। यह भाजपा को रास नहीं आया। पुजारियों का मानदेय हमने तीन गुना बढ़ाया। यह भाजपा को रास नहीं आया। आदिवासी भाइयों के लिए काम किया। वहां स्कूल खोले। 15 महीने में हमने 400 वादे पूरे किए। भाजपा को यह रास नहीं आया। आरक्षण का प्रावधान किया। भाजपा को यह रास नहीं आया। प्रदेश में निवेश विश्वास से आता है। हमने मध्य प्रदेश को ऐसा प्रदेश बनाया, जहां झूठी घोषणाएं नहीं थीं। 15 महीने में हमारी सरकार में किसी पर भी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा।

5. फंड मैनेजमेंट किसने किया एक-दो दिनों में होगा साफ

भाजपा सोचती है कि वह मेरे प्रदेश को हराकर जीत सकती है। वो न मेरे प्रदेश को हरा सकती है और न मेरे हौसले को हरा सकती है। हमारे पास पद हो या नहीं हो, प्रदेश के हमारे नौजवान, पिछड़ा वर्ग और किसानों के हित के काम में हम लगे रहेंगे। 9 मार्च को 16 विधायकों को लेकर ले गए थे। किसने पैसा दिया, किसने दबाव डाला, ये समय के साथ सामने आ जाएगा। आज के बाद कल आता है, कल के बाद परसों भी आता है। परसों आएगा। जनता तय करेगी। मैंने यह तय किया है कि मैं राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने जा रहा हूं।

भाजपा का पलड़ा भारी

कांग्रेस के सभी 22 बागियों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद संख्या बल में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसके 107 विधायक हैं। वहीं, कांग्रेस के पास स्पीकर समेत सिर्फ 92 विधायक रह गए हैं। कांग्रेस के पास निर्दलीय और बसपा-सपा के 7 विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो कमलनाथ के लिए सरकार बचाना मुश्किल होगा।

ये हैं मुख्यमंत्री पद के दावेदार

शिवराज सिंह चौहान लगातार 3 बार मुख्यमंत्री रहे। अभी अचानक वे सक्रिय हुए। भाजपा के ज्यादातर विधायक शिवराज के समर्थक हैं। ऐेसे में ये स्वाभाविक दावेदार हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, वरिष्ठ नेता नरोत्त्म मिश्रा एवं नरेंद्र सिंह तोमर प्रमुख दावेदारों में हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि कमलनाथ के इस्तीफा देने के तुरंत बाद भाजपा की बैठक दिल्ली में हो सकती है।

Back to top button