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राहुल पर चिकन सैंडविच वाले अटैक के बचाव में आए जिग्नेश मेवानी, हार्दिक पटेल पर कसा यह तंज ….

अहमदाबाद। गुजरात के वडगाम से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने शुक्रवार को कांग्रेस के पूर्व नेता हार्दिक पटेल के पार्टी से बाहर निकलने के लिए उन पर निशाना साधा। कहा कि उन्होंने यह तस्वीर पेश करने की कोशिश की है कि कांग्रेस गुजरात विरोधी या भारत विरोधी है। जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के अपशब्दों के लिए पटेल की आलोचना की और कहा कि पार्टी ने हमेशा हार्दिक का साथ दिया और उन्होंने जाते वक्त ‘चिकन सैंडविच’ जैसी अनावश्यक टिप्पणी की।

दरअसल, कांग्रेस के पूर्व पीसीसी चीफ हार्दिक पटेल ने तीन साल तक कांग्रेस में रहने के बाद पार्टी छोड़ने का फैसला लिया। चिकन सैंडविच का उदाहरण देते हुए पटेल ने कहा था कि दिल्ली से आए एक बड़े नेता के लिए चिकन सैंडविच लाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता घनचक्कर बन गया। जवाब में जिग्नेश मेवानी ने कहा, “आपकी पार्टी के साथ मतभेद हो सकते हैं। लेकिन यह कहना अनुचित है कि कांग्रेस गुजरात विरोधी है या भारत विरोधी… भाजपा के प्रति आपका जो लगाव है, वह दर्शाता है कि आप कहीं न कहीं वैचारिक मोर्चे पर शामिल हैं।”

कांग्रेस का समर्थन करते रहे मेवाणी के 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आधिकारिक रूप से पार्टी में शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हार्दिक पटेल को पूरा समर्थन दिया, जिससे वह गुजरात के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बन गए, एक पद जिसे उन्होंने हाल ही में पार्टी छोड़ते समय इस्तीफा दे दिया था। पटेल कई अन्य राज्यों में कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी थे जहां कांग्रेस ने हाल ही में चुनाव लड़ा था। मेवानी के अनुसार, “उनका पार्टी छोड़ते वक्त अंदाज सलीखे से होना चाहिए था, ऐसा तो बिल्कुल नहीं।”

बता दें कि 2017 में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में बीजेपी को टक्कर देने के लिए मेवानी, हार्दिक पटेल और ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर का गठबंधन बनाया था। ठाकोर ने 2019 में पार्टी छोड़ दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए। उसी वर्ष, वह राधनपुर सीट के लिए उपचुनाव हार गए, जिसे उन्होंने 2017 में जीता था।

माना जा रहा है कि पटेल इस साल के अंत में गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी को सौंपे अपने इस्तीफे में हार्दिक पटेल ने कहा, “जब भी हमारे देश को चुनौतियों का सामना करना पड़ा और जब कांग्रेस को नेतृत्व की जरूरत पड़ी, तो कांग्रेस के नेता विदेशों में आनंद ले रहे थे।”

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