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जयशंकर ने कहा अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के आंतरिक विषयों में टीका-टिप्पणी से बचना चाहिए

नई दिल्ली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर दूसरे देशों की टिप्पणियों को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के आंतरिक विषयों में बेवजह की टीका-टिप्पणी से बचना चाहिए। दूसरे देशों को अपनी मर्यादा बनाए रखनी चाहिए। इस तरह के किसी भी हस्तक्षेप पर सख्त जवाब मिलेगा। हाल ही के दिनों में दिल्ली शराब घोटाला मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र के राजनयिकों ने बयान जारी करते हुए भारत पर नजर बनाए रखने की बात कही थी।

  भारत के आंतरिक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदायों की ओर से की जा रही टिप्पणियों के खिलाफ भारत ने कड़ा विरोध जताया है। जयशंकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी ने संयुक्त राष्ट्र के एक व्यक्ति से (केजरीवाल की गिरफ्तारी के बारे में) पूछा, और उन्होंने कुछ जवाब दिया। लेकिन अन्य मामलों में, मैं बहुत स्पष्ट रूप से कहूंगा कि ये पुरानी आदतें हैं, बुरी आदतें हैं।’’जयशंकर ने राष्ट्रों की संप्रभुता का सम्मान करने और एक-दूसरे के घरेलू मामलों में दखल देने से दूर रहने के महत्व पर जोर दिया।

मर्यादा बनाए रखो
उन्होंने कहा, ‘‘देशों के बीच एक खास मर्यादा है। हम संप्रभु देश हैं, हमें एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, हमें एक दूसरे की राजनीति के बारे में टीका-टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।’’ विदेश मंत्री ने कहा कि कुछ शिष्टाचार और परंपराएं होती हैं, जिनका अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पालन किया जाना चाहिए। अगर कोई देश भारत की राजनीति पर टिप्पणी करता है तो उन्हें हमसे बहुत कड़ा जवाब मिलेगा और यह हुआ भी है। जयशंकर ने आगे कहा, ‘‘हम विश्व के सभी देशों से आग्रह करते हैं कि दुनिया के बारे में आपके अपने विचार हैं, लेकिन किसी भी देश को खासकर दूसरे देश की राजनीति पर टिप्पणी करने का किसी को अधिकार नहीं है।’’

अमेरिकी राजनयिक को तलब कर चुकी सरकार
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के लिए निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया के अमेरिकी विदेश विभाग के आह्वान के विरोध में अमेरिका के एक वरिष्ठ राजनयिक को तलब किया था। इसी तरह का विरोध जर्मनी के समक्ष भी दर्ज कराया गया। मंत्रालय ने एक कड़ा बयान जारी कर कहा था कि कूटनीति में विभिन्न देशों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है।

अरुणाचल पर चीन को खरी-खरी
जयशंकर ने यहां मीडिया के साथ बातचीत में, अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों के नाम बदलने के चीन के प्रयासों की भी निंदा करते हुए इसे अतार्किक करार दिया और एक बार फिर से कहा कि पूर्वोत्तर राज्य भारत का एक अभिन्न हिस्सा है। चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों के लिए नये नामों की चौथी सूची जारी करने के जवाब में, जयशंकर ने इस क्षेत्र पर भारत के रुख को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहा है और रहेगा।

 

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