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CGMSC में दवाइयों की सप्लाई में गड़बड़ी? ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दिया काम, भारत पैरेन्टल और मेसर्स यूनीक्योर इंडिया को किया गया प्रतिबंधित ….

बिलासपुर । स्वास्थ्य विभाग की ओर से राज्य के सरकारी अस्पतालों में दवाइयों के साथ ही मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड का गठन किया है। CGMSC सरकारी अस्पताल में आवश्यकतानुसार जीवन रक्षक दवाइयों की सप्लाई करता है। लेकिन, CGMSC की ओर से दवाइयों की सप्लाई के लिए देश के अलग-अलग ड्रग कंपनियों को टेंडर जारी कर काम दिया जाता है। लेकिन, CGMSC ने दिल्ली की मेसर्स यूनीक्योर लिमिटेड और गुजरात के बड़ोदरा की भारत पेरेन्टल लिमिटेड को दवाइयां सप्लाई का टेंडर दे दिया है, जो दवाइयों की सप्लाई के लिए प्रतिबंधित है।

स्वास्थ्य विभाग में छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) की ओर से अस्पतालों में दवाइयों के सप्लाई में गड़बड़ी होने की आशंका है। दरअसल, CGMSC ने प्रदेश के अस्पतालों में दवाइयों की सप्लाई के लिए दो प्रतिबंधित कंपनियों को ठेका दे दिया है। हालांकि, अब मामला सामने आने के बाद सफाई दी जा रही है कि जिन कंपनियों को टेंडर दिया गया है, उन्हें चिन्हित दवाइयों की सप्लाई के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इधर, इस गड़बड़ी के लिए स्वास्थ्य विभाग ने निविदा समिति के सभी सदस्यों के साथ ही निविदा व क्रय अधिकारी और गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

इधर, राज्य शासन के स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी मिली, तब CGMSC से जानकारी ली गई, तब बताया गया कि मेसर्स यूनीक्योर इंडिया लिमिटेड को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन, कंपनी को ओनडेनसेट्रॉन टेबलेट 8 मिलीग्राम की सप्लाई के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इसी तरह भारत पैरेन्टल लिमिटेड को पैंटोप्राजोल 40 मिलीग्राम और रोसुवास्टेन टैबलेट आई.पी. 20 मिलीग्राम को अमानक स्तर पर सप्लाई करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है। CGMSC ने अपनी सफाई में यह भी कहा है कि कंपनियों को उक्त चिन्हित दवाइयों की सप्लाई के लिए ही प्रतिबंधित किया गया है। जबकि, छत्तीसगढ़ में उन्हें दूसरी दवाइयों की सप्लाई का काम दिया गया है।

CGMSC में दवाइयों की सप्लाई में गड़बड़ी की आशंका होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मेसर्स भारत पेरेन्टल लिमिटेड की ओर से की गई दवाइयों की सप्लाई का भुगतान रोक दिया है। इसके साथ ही CGMSC के निविदा समिति के सभी सदस्यों, निविदा व क्रय अधिकारी और गुणवत्ता नियंत्रण अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

बेलतरा विधानसभा के विधायक रजनीश ने बताया कि दरअसल, CGMSC को सभी सरकारी अस्पतालों में मानक स्तर की दवाइयां सप्लाई करना है। साथ ही बाजार मूल्य से कम कीमत पर दवाइयों की खरीदी करनी है। लेकिन, CGMSC ने नियमों को दरकिनार कर ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को दवाइयों की सप्लाई का ठेका दे दिया है। उन्होंने पूर्व में भी इस तरह की गड़बड़ियों को लेकर विधानसभा में मामला उठाया था। इस बार भी ब्लैकलिस्टेड कंपनी को दवाइयों की सप्लाई का काम देने का मामला उठाया गया है। उन्होंने इसके लिए दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग भी की है।

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