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भारत-अमेरिका को विकास की गति को बनाए रखने के लिए प्रतिभाओं की जरूरत, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोले….

वाशिंगटन: प्रधानमंत्री ने शिक्षा, कौशल तथा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डाला. उन्होंने भारत और अमेरिका के अकादमिक और अनुसंधान पारिस्थितिकी प्रणालियों के बीच चल रहे द्विपक्षीय शैक्षणिक आदान-प्रदान और सहयोग की सराहना की. मोदी ने कहा कि मैं वास्तव में खुश हूं कि मुझे यहां युवा तथा रचनात्मक सोच वाले लोगों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला. भारत एनएसएफ के साथ मिलकर कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है. मैं इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए प्रथम महिला जिल बाइडन का शुक्रिया अदा करता हूं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षा तथा कार्यबल को लेकर भारत और अमेरिका की साझा प्राथमिकताओं को रेखांकित करने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि विकास की गति को बनाए रखने के वास्ते दोनों देशों को ‘कुशल प्रतिभाओं का विकसित करने’ की जरूरत है. प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) द्वारा आयोजित स्किलिंग फॉर फ्यूचर इवेंट में हिस्सा लिया, जहां उनकी मेजबानी प्रथम महिला जिल बाइडन ने की. कार्यक्रम समाज में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और उसका विस्तार करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यबल को नए सिरे से विकसित करने पर केंद्रित था.

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के कौशल मिशन के बारे में बताते हुए कहा कि युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा, कौशल तथा नवाचार का होना जरूरी है और भारत ने इस दिशा में काम किया है.मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) शिक्षा और कौशल को साथ लेकर आई है.उन्होंने कहा कि कौशल मिशन के तहत पांच करोड़ से अधिक लोगों को प्रशिक्षित किया गया और अन्य 1.5 करोड़ लोगों को कृत्रिम मेधा तथा ‘ब्लॉकचेन’ जैसी नवीनतम तथा उभरती प्रौद्योगिकियों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है.उन्होंने कहा कि विकास की गति को बनाए रखने के लिए ‘भारत और अमेरिका को प्रतिभाओं को विकसित करने की जरूरत है’ और उनका लक्ष्य इस दशक को ‘तकनीकी दशक’ बनाना है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि अमेरिका के पास दुनिया के शीर्ष शैक्षणिक संस्थान तथा उन्नत प्रौद्योगिकियां हैं जबकि भारत में दुनिया के सबसे अधिक युवा हैं और उनका मानना है कि भारत-अमेरिका साझेदारी टिकाऊ तथा समावेशी साबित होगी. कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, यह सम्मान की बात है कि प्रथम महिला जिल बाइडन ने कौशल विकास से संबंधित एक विशेष कार्यक्रम में हमारे साथ शिरकत की. कौशल विकास भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम एक कुशल कार्यबल बनाने के लिए समर्पित हैं जो उद्यम तथा मूल्य सृजन को बढ़ावा दे सके.प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा और अनुसंधान क्षेत्र में भारत-अमेरिका सहयोग को सक्रिय करने के लिए पांच सूत्री प्रस्ताव प्रस्तुत किया.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत को एक साथ लाने वाला एकीकृत दृष्टिकोण. शिक्षकों और छात्रों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना. दोनों देशों के बीच विभिन्न विषयों पर हैकथॉन का आयोजन. व्यावसायिक कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता. शिक्षा एवं अनुसंधान से जुड़े लोगों की यात्राओं को प्रोत्साहित करना.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस कार्यक्रम में नॉर्दर्न वर्जीनिया कम्युनिटी कॉलेज के अध्यक्ष, एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष, माइक्रोन टेक्नोलॉजी के अध्यक्ष एवं सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) और छात्र भी शामिल हुए.

अमेरिका में प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए प्रथम महिला ने कहा कि इस राजकीय यात्रा के साथ हम दुनिया के सबसे पुराने तथा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों को एक साथ ला रहे हैं. हमारा रिश्ता सिर्फ सरकारों तक सीमित नहीं है. हम उन परिवारों तथा दोस्ती का जश्न मना रहे हैं जो दुनिया भर में बसे हैं, जो हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों को महसूस करते हैं.

उन्होंने कहा कि वर्षों तक संबंधों को मजबूत करने के बाद अमेरिका-भारत साझेदारी गहरी हुई है क्योंकि दोनों देश संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों से निपटते हैं.

जिल बाइडन ने कहा कि प्रधानमंत्री महोदय मैं जानती हूं कि शिक्षा एक ऐसा मुद्दा है जो जितना मेरे दिल के करीब है उतना ही आपके भी है. आप यह सुनिश्चित करने के लिए काम रहे हैं कि सभी भारतीय, खासकर लड़कियां जिनसे मैं प्यार करती हूं.वह शिक्षित हो पाएं और हमारे आधुनिक कार्यबल के लिए उन्हें आवश्यक कौशल हासिल करने का अवसर मिले. यह बहुत महत्वपूर्ण है. हमारे स्कूलों और व्यवसायों द्वारा यहां छात्रों के लिए बनाए जा रहे कुछ नवीन कार्यक्रमों को आपको दिखाकर बेहद खुशी हुई. एनएसएफ का नेतृत्व भारतीय अमेरिकी डॉ. सेतुरमन पंचनाथन कर रहे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित कई भारतीय मंत्री पिछले एक साल में वर्जीनिया में इसके मुख्यालय का दौरा कर चुके हैं.

एनएसएफ अमेरिकी सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है जो विज्ञान तथा इंजीनियरिंग के सभी गैर-चिकित्सकीय क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान व शिक्षा का समर्थन करती है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान चिकित्सकीय क्षेत्र के लिए काम करता है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी ट्विटर पर कार्यक्रम की तस्वीरें साझा करते हुए पर प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका की प्रथम महिला के इस कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी दी.राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी 21 से 24 जून को अमेरिका की यात्रा पर हैं. बाइडन दंपती व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में 22 जून बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री मोदी के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी 22 जून को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे.

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