मध्य प्रदेश

सेहत के साथ आमदनी भी : जनजातीय महिलाओं के जीवन में खुशियों के रंग भर रहा कड़कनाथ

भोपाल। राज्य शासन द्वारा जनजातीय महिलाओं के लिए कड़कनाथ पालन योजना की स्थापना की जा रही है। दरअसल महानगरों सहित बड़े शहरों में पौष्टिकता से भरपूर कड़कनाथ मुर्गे के लिये बढ़ती मांग को देखते हुए राज्य प्रशासन ने महिलाओं के लिए कड़कनाथ पालन इकाई शुरू की है। इस योजना ने जनजातीय महिलाओं और उनके परिवार की जिंदगी खुशियों से भर दी है। इस योजना से लाभार्थी को लगभग एक लाख रूपये की लागत से शेड, बर्तन, दाना, 100 चूजे और तकनीकी उपलब्ध कराई जा रही है। ये 28 दिन के चूजे टीकाकरण के बाद किसान महिलाओं को दिये जा रहे हैं। इससे इनकी मृत्यु दर न के बराबर होती है और लाभार्थी इसका लंबे समय तक उपयोग कर सकते हैं। इसके अलावा अगर लाभार्थी कड़कनाथ बेचने में समर्थ नहीं है, तो पशुपालन विभाग खुद अंडे, मुर्गे खरीद लेता है। कड़कनाथ को जीआई टैग भी मिला हुआ है।

झाबुआ जिले के ग्राम भुरीमाटी की श्रीमती शारदा सिंह वासुनिया कहती हैं कि काला कड़कनाथ हमारे जीवन में उजियारा लाया है। सरकार ने हमें स्व-रोजगार के लिये कड़कनाथ के 40 चुजे दिये थे। ये 5 से 6 महीने में बाजार में बेचने लायक हो जाते हैं। इनसे अण्डें भी मिल रहे हैं। मुनाफा अच्छा होने से परिवार की बहुत सारी जरूरतें अब पूरी होने लगी हैं। खुशी है कि कड़कनाथ को बाजार में बेचने से जहाँ आमदनी हो रही है, वहीं उसके अंडों से परिवार को भी पौष्टिक आहार मिल रहा है।

श्रीमती शारदा के पति कमल सिंह वासुनिया खेती और मजदूरी करते हैं। उनका कहना है कि हम सरकार की जितनी भी तारीफ करें कम है। सरकारी सहायता से जब से शारदा ने कड़कनाथ मुर्गी पालन का काम शुरू किया है, तब से मेरी बहुत सी चिंताएँ कम हो गई हैं। इससे हमें 20 हजार रूपये तक की आमदनी हो जाती है।

उल्लेखनीय है कि झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी और धार जिले में अनुसूचित जनजाति के लोगों को अनुदान पर कड़कनाथ चुजे प्रदाय किये जा रहे हैं। झाबुआ जिले को कड़कनाथ की मूल प्रजाति के लिए जीआई टैग भी मिला हुआ है। इकाई लागत 4 हजार 400 रूपये है, जिसमें 3 हजार 300 रूपये का पशुपालन विभाग द्वारा अनुदान दिया जाता है। हितग्राही को मात्र 1100 रूपये अंशदान के रूप में व्यय करने होते हैं। एक बार इकाई शुरू होने के बाद चुजा, मुर्गा और अण्डा से आमदनी सतत जारी रहती है। अन्य मुर्गें की अपेक्षा कड़कनाथ अच्छी आमदनी देने के साथ पौष्टिकता से भरपूर होता है।

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