मध्य प्रदेश

उमरिया में डेढ़ साल के बच्चे को बाघ के जबड़े से खींच लाई मां, मासूम को बचाने खूंखार बाघ से आधे घंटे तक लड़ती रही …

भोपाल। मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में एक मां अपने डेढ़ साल के मासूम को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई. वह लगभग आधे घंटे तक खूंखार बाघ से लड़ती रही और आखिरकार बच्चे को मौत के मुंह से खींच लिया. हालांकि, इस लड़ाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गई. उसकी गर्दन टूट गई है और बाघ के नाखून उसके शरीर के अंदर तक घुस गए हैं. उसे इलाज के लिए जबलपुर रेफर किया गया है. बाघ ने उन पर उस वक्त हमला कर दिया, जब मां-बेटा किसी काम से खेतों में थे.

यह रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला उमरिया जिले में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रोहनिया गांव का बताया जाता है. यहां एक महिला अपने डेढ़ साल के मासूम को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई. बाघ ने महिला को करीब-करीब दबोच ही लिया था, लेकिन उसने हार नहीं मानी और करीब आधा घंटे तक उससे लड़ती रही, आखिरकार उसने मौत के मुंह से बच्चे को निकाल लिया. बाघ के नाखून शरीर में घुसने से महिला की हालत गंभीर है. उमरिया स्वास्थ्य केंद्र से प्राथमिक उपचार के बाद महिला को जबलपुर भेज दिया गया.

जानकारी के अनुसार अर्चना चौधरी सुबह करीब पौने 10 बजे अपने डेढ़ साल के बेटे राजवीर के साथ किसी काम से खेत पर गई थी. इस बीच झाड़ियों में छिपा बैठा एक बाघ लकड़ी-कांटे की फेंसिंग को फांदकर अंदर आ गया और राजवीर को पकड़ लिया. यह देख अर्चना ने होश नहीं खोया और पूरी हिम्मत के साथ बाघ से भिड़ गई. बाघ ने उसे भी दबोच लिया और अपने नाखून उसके शरीर में घुसा दिए. महिला लगातार चीखती रही और गांववालों को आवाज देती रही. बाघ से उसका संघर्ष करीब आधे तक चला. इसी बीच महिला की चीखें सुन गांववाले माजरा समझ गए और लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंचे. इसके बाद बाघ मां-बेटे को छोड़कर जंगल में भाग गया. उसके जाने के बाद लोग दोनों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आए. जहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया और फिर जिला अस्पताल भेज दिया. यहां डॉक्टरों ने जांच की तो पता चला कि महिला की गर्दन टूट गई है. गंभीर हालत देख महिला को जबलपुर रेफर कर दिया गया.

गांववालों के उड़े होश

ग्रामीणों के मुताबिक जब गांववाले महिला की चीखें सुन उसके पास पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. बाघ ने दोनों को जकड़ रखा था. हालांकि, इस दौरान महिला की चीखें बाघ को लगातार परेशान करती रहीं. उसके बाद गांववालों ने जब लाठियां दिखाई तो वह जंगल में भाग गया. गांववालों ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व का हिस्सा होने की वजह से जंगली जानवर अक्सर यहां आ जाते हैं. उन्हें भूख लगने पर वह मवेशियों का शिकार करते हैं. कभी-कभी वह इंसानों पर भी हमला कर देते हैं।

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