अगर समाज में साहित्य न होता तो ज्ञान का कहीं आदित्य न होता – रेखा सोनकर
माघी पुन्नी मेला में त्रिवेणी संगम साहित्य समिति द्वारा विचार संगोष्ठी व कवि सम्मेलन
राजिम। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज राजिम में प्रतिवर्ष लगने वाला धर्म, आस्था व संस्कृति के प्रतीक राजिम माघी पुन्नी मेला के अवसर पर त्रिवेणी संगम साहित्य समिति राजिम नवापारा के साहित्यकारों द्वारा संस्कृति व पर्यटन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के तत्वाधान में विशाल विचार संगोष्ठी एवम कवि सम्मेलन लोमश ऋषि आश्रम के समीप बने भव्य सांस्कृतिक मंच पर किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती रेखा सोनकर अध्यक्ष नगर पंचायत राजिम थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता मकसूदन राम साहू, “बरीवाला”, वरिष्ठ साहित्यकार ने किया। कार्यक्रम में विशेष अतिथि श्रीमती पुष्पा गोस्वामी सभापति नगर पंचायत राजिम थे। उपस्थित अतिथियों व साहित्यकारों ने माँ शारदे के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कवि किशोर निर्मलकर ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया, इसके पश्चात कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्रवण कुमार साहू” प्रखर” ने प्रथम कवि के रूप में मकसूदन बरीवाला को आमंत्रित किया तो उन्होंने ढेला पथरा के माध्यम से राजिम मेला को चित्रित किया।
कवि कोमल सिंह साहू ने त्रिवेणी संगम की महिमा गाया, तो कवि रोहित साहू माधुर्य ने नशापान पर जबरदस्त रचना कर खूब वाहवाही लूटी। कवि मोहन लाल मानिकपन ने देशभक्ति से लबरेज काव्य पाठ किया, कवियत्री केंवरा यदु ने अपनी रचना के माध्यम से त्रिवेणी संगम की महिमा का गुणगान किया, छत्तीसगढ़ महतारी की गौरवशाली परंपरा को छग्गू यास अडील ने बखूबी पिरोने का काम किया।
मशहूर गीतकार किशोर निर्मलकर ने राजीव लोचन धाम पर शानदार रचना पढ़कर माहौल को खुशनुमा बनाया। तो वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश चौहान ने अपनी व्यंग्य रचना से वर्तमान व्यवस्था पर करारा प्रहार किया। कवि भारत लाल साहू, “प्रभु” ने बेटियों पर जबरदस्त रचना पढकर मंच को ऊँचाई प्रदान किया। तो नवोदित रचनाकार के रूप में बारह वर्षीय बेटी खुशी साहू ने बालिका शिक्षा पर लाजवाब कविता पढकर खूब वाहवाही लूटी।
इसी कड़ी में कवि संतोष कुमार साहू प्रकृति ने महानदी की धारी के माध्यम से मर्मस्पर्शी रचना प्रस्तुत किया, कवि डॉ रमेश सोनसायटी ने मेला पर प्रासंगिक काव्य पाठ किया ।तो कवि श्रवण कुमार साहू प्रखर ने बेटी पर शानदार रचना पढ़कर बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का संदेश दिया। इस अवसर पर त्रिवेणी संगम साहित्य समिति द्वारा श्रीमती रेखा सोनकर एवम श्रीमती पुष्पा गोस्वामी का शाल श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। विचार संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती रेखा सोनकर ने कहा कि साहित्य समाज का आदित्य होता हैं जो अपने ज्ञान से समाज को आलोकित करता है।
कार्यक्रम पश्चाताप सभी साहित्यकारों को संस्कृति एवम पर्यटन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा मंच प्रभारी श्री मोंगरे व महेंद्र पंत संचालक के कर कमलों से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। आभार प्रदर्शन मोहनलाल मानिकपन, “भावुक” ने किया।