मध्य प्रदेश

‘पठान’ विवाद के बीच गृहमंत्री का बड़ा बयान : कहा- मदरसों के पाठ्यक्रम की होगी जांच

डॉ. नरोत्तम मिश्रा बोले- कलेक्टरों को शिक्षा विभाग से स्टडी मटीरियल की स्क्रूटनी कराने के निर्देश देंगे

भोपाल। शाहरुख खान की आने वाली फिल्म पठान और मदरसों में पढ़ाई को लेकर देश में मचे विवादों के बीच मप्र के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के कुछ मदरसों में आपत्तिजनक पढ़ाए जाने की जानकारियां आ रही थीं। मैंने भी उसे देखा है। जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश देकर संबंधित जिले के शिक्षा विभाग से इस तरह की अप्रिय पठन सामग्री की जांच करा लें, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पठन सामग्री आपत्तिजनक न हो। हालांकि, नरोत्तम ने ऐसे मदरसों के नाम तो नहीं बताए, लेकिन उन्होंने कहा कि कुछ वर्गों ने राज्य के कुछ स्थानों पर मदरसों में पढ़ाए जाने वाले कुछ विषयों को विवादस्पद बताते हुए सवालिया निशान खड़े किए हैं।

संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने भी खड़ा किया था सवालिया निशान

ज्ञात हो, इससे 5 माह पूर्व प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने कहा था कि अवैध रूप से चल रहे मदरसों में अवांछनीय गतिविधियां संचालित होने के साथ ही मानव तस्करी भी की जा सकती है। उन्होंने कहा था कि ऐसी जगहों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया था- बाल आयोग के पदाधिकारियों ने हाल में ऐसे अवैध रूप से संचालित मदरसों का औचक निरीक्षण किया। जिसमें 30 से 40 बच्चों को स्वस्थ वातावरण के बिना रखा गया। वहां भोजन की व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने शंका जाहिर की थी कि यह मानव तस्करी का मामला हो सकता है।

एमपी में किसी फिल्म के सेट पर कोई भी उपद्रव नहीं होने दिया जाएगा

जबलपुर के भेड़ाघाट पर दो दिन पूर्व शाहरूख खान की फिल्म की शूटिंग के दौरान हुए विवाद को लेकर गृहमंत्री ने कहा- एमपी में किसी भी सेट पर कोई भी उपद्रव नहीं होने दिया जाएगा। सभी का मध्य प्रदेश में स्वागत है। मध्य प्रदेश फिल्म फ्रेंडली स्टेट था, है और हमेशा रहेगा। दो दिन पहले पर्यटन स्थल भेड़ाघाट में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने शाहरुख खान की फिल्म पठान का विरोध करते हुए उनकी फिल्म की शूटिंग नहीं होने दी थी।

कमलनाथ के कर्ज माफी को लेकर किए गए ट्वीट को धोखाधड़ी बताया

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा कर्जमाफी को लेकर किए गए ट्वीट को लेकर गृहमंत्री ने कहा- कमलनाथ ने जो किया है, वो 420 की श्रेणी में आता है। उनके कल के ट्वीट ने किसानों के जख्म हरे कर दिए हैं। आपका ख़ुद का आदेश है, लेकिन एक भी किसान का दो लाख का क़र्ज़ा माफ़ नहीं हुआ। कमलनाथ की वजह से किसान डिफ़ॉल्टर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के किसान ने आपको समझ लिया है। काठ की हांडी एक ही बार चढ़ती है। आपका आदेश और ट्वीट दोनों ही 420 की श्रेणी में आता है।

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