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बिहार में अब तक महागठबंधन के सहयोगी दलों की ओर से सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया, वोटिंग में दस दिन बाकी

पटना
लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में सियासी सरगर्मियां बढ़ी हुई है। पहले चरण के मतदान वाले क्षेत्रों में सभी दल चुनाव प्रचार में युद्द स्तर पर जुटे हुए हैं। तमाम सियासी घटनाक्रम के बीच दिलचस्प बात यह है कि अब तक महागठबंधन के सहयोगी दलों की ओर से सभी सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया गया है। इसे लेकर भाजपा तंज कस रही है। दरअसल, बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान होने हैं। पहले चरण में 19 अप्रैल को बिहार के गया, औरंगाबाद, जमुई और नवादा क्षेत्र के मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

इस चुनाव में अब तक मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच ही नजर आ रहा है। रोचक बात यह है कि एनडीए के सभी घटक दल अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करके चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। वहीं, महागठबंधन में शामिल राजद और कांग्रेस पार्टी ने अभी तक सभी लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान नहीं किया है। ऐसे में टिकट के इच्छुक नेताओं के बीच चिंता की स्थिति बनी हुई है।

बीते दिनों महागठबंधन में सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत राजद के खाते में 26 सीटें आई थी, जिसमें से तेजस्वी यादव ने तीन सीटें मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को दी है। कांग्रेस के खाते नौ सीटें आई हैं, जबकि, तीन लेफ्ट पार्टियों के खाते में पांच सीटें हैं। कांग्रेस ने अभी तक तीन प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है। जबकि, विकासशील इंसान पार्टी ने एक भी प्रत्याशी के नाम को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। अगर राजद की बात की जाए तो पार्टी ने भी अभी तक कई लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है। इसे लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने महागठबंधन पर तंज कसा है।

शाहनवाज हुसैन ने हमला बोलते हुए कहा कि सही मायने में महागठबंधन को उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं, लगता है उन्हें इश्तहार देना पड़ेगा। इधर-उधर से मांग-मांगकर उम्मीदवार ला रहे हैं। कोई उनके टिकट पर लड़ने को तैयार नहीं है। सबको मालूम है जीतेगा एनडीए ही, जीतेंगे मोदी जी ही। महागठबंधन की ओर से लोग लड़ने को तैयार नहीं हैं। बिहार में एनडीए 40 की 40 सीट जीतने वाली है।

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