मध्य प्रदेश

पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने अब मंदसौर में दिया विवादित बयान : पटवारी ने शिवराज को बताया पाखंडी

मंदसौर। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे दोनों दलों के नेता अपने कथित संस्कार और शिक्षा का सर्वाजनिक बखान करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक कथित संस्कारित बयान राऊ विधायक जीतू पटवारी ने मंदसौर में दे दिया। दरअसल उनने सीएम पद की गरिमा को भी नहीं बख्शा और अपनी सियासत को चमकाने के चक्कर में सूबे के मुखिया को पाखण्डी तक कह डाला। खैर माना कि राजनीति में एक-दूजे पर कीचड़ उछालना सामान्य सी बात है, लेकिन इस तरह के ओछे शब्दों की बजाय किसी गरिमामय शब्द का उपयोग भी करना इन नेताओं को आना चाहिए।
सोमवार को गांधी चौराहा पर आयोजित कांग्रेस की एक सभा में भाग लेने के लिए राऊ विधायक जीतू पटवारी मंदसौर पहुँचे। उनके साथ युवक कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कुणाल चौधरी भी शामिल थे। मंच से अपने भाषण में पटवारी सहित तमाम नेता नगरी ने केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर जहर उगला। सभा के बाद पटवारी को एकाएक जिले के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माइक-आईडी ने घेर लिया। चूंकि पटवारी अपने उल-जुलूल बयानों को लेकर हमेशा से सुर्खियों में रहते हैं। ऐसे हाथ में माइक आईडी लिए पत्रकार भी उनके मुँह किसी ऐसे बयान की उल्टी के इंतज़ार में ही थे, जो चुनावी साल में कांग्रेस को इस पहली सभा को मसाले में लपेटने के काम आ सके। बस फिर क्या था देखते ही देखते पटवारी की जुबान फिसली और उनने किसानों की आय दुगनी करने के मामले में कहा कि सीएम शिवराज ने आज ही रीवा की सभा में कहा कि किसानों की आय दुगनी कर दी। जबकि सदन में मेरे द्वारा या विपक्ष के किसी विधायक द्वारा किसानों की आय दुगनी करने के बारे में पूछा जाता है, तो वे मना कर देते हैं। ऐसे में जनता और किसानों को ये समझना होगा कि शिवराजजी का झूठ और पाखंड उनके सिर पर चढक़र बोल रहा है। यदि वे वास्तव में किसानों की आय दुगनी करते हैं तो हम उनका अभिनंदन करेंगे और नहीं होती है तो हमारे सहित प्रदेश की जनता उनका तिरस्कार करेगी।
पटवारी ने एक प्रश्न के उत्तर में यह भी कहा कि कितने प्रतिशत युवाओं को टिकिट मिलेगी मैं समझता हूँ ये पार्टी का निर्णय है। हां लेकिन हम सभी बिकाऊ लालों को हराएंगे और पुन: कोई नहीं बिके इसके लिए पार्टी सोच समझकर निर्णय लेगी। उनने पीएम मोदी पर शाब्दिक बाण चलाते हुए कहा कि वे प्रदेश में चीते ले आए कोई बात नहीं मैं उसका विरोध नहीं करता हूँ, लेकिन माननीय प्रधानमंत्रीजी चीतों के साथ रोजड़ों पर भी आपकी सरकार ध्यान दें। क्योंकि के रोजड़े(नीलगाय) रोज किसानों का भयंकर नुकसान कर रही है। इनसे कई जाने सडक़ हादसों में अब तक जा चुकी है। ऐसे में इन्हें भी रेस्क्यू कर किसी अभ्यारण्य में क्यों नहीं छोड़ते। उनने कहा कि चुनाव आते ही पीएम के हवाई जहाज चुनावी राज्यों की ओर चल देते हैं लेकिन वे कभी नहीं कहते हैं कि 2014 में उनने 2 करोड़ नोकरी देने का वादा किया था, 15 लाख हर खाते में डालने की बात कही थी, अच्छे दिन की बात कही थी वह तो भूल जाते हैं और वोट मांगते हैं फिर नए वादे करते हैं।
पटवारी के बयानों से‘उत्पन्न’ हुए हरदीपसिंह डंग
आपको बता दें कि जीतू पटवारी प्रदेश के उन कांग्रेस नेताओं में से एक हैं जिनकी बदजुबानी अक्सर बड़े-बड़े बवंडर मचा देती है। हालांकि उनके मंदसौर के एक बार के दौरे में यह बदजुबानी बवंडर मचाने के साथ ही 3 नए विधायक प्रत्याशी ही कांग्रेस को दे गई थी, जिनमें से एक खुद प्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीपसिंह डंग भी हैं। जी हाँ इसी गांधी चौराहे पर करीब डेढ़ दशक पूर्व पटवारी की सभा थी, संयोग से उसी दिन कॉलेज मैदान में सीएम की भी सभा चल रही थी। पहले ही तो शासन प्रशासन दो-दो बड़ी सभाओं की व्यवस्थाओं को लेकर दु:खी थे ऊपर से पटवारी ने यहाँ सभी कांग्रेसियों को सीएम को काले झंडे बताने चलने के लिए भरी सभा में उकसा दिया। बस फिर क्या था सैकड़ों कांग्रेसी पटवारी के साथ हो लिए, लेकिन प्रशासन के जबरदस्त बंदोबस्त के चलते 5 कांग्रेसी ही सीएम को काले झंडे दिखा पाए, जिनमें तत्कालीन कांग्रेस नेता हरदीपसिंह डंग, रविंद्र सिंह रांका, श्यामलाल जोकचन्द, महेंद्रसिंह गुर्जर व राकेश सुरावत शामिल थे। बाद में पांच में 4 गिरफ्तार हुए वहीं रांका फरार चलते रहे। कई दिनों तक हो हल्ला मचा केंद्र व प्रदेश के कई दिग्गज कांग्रेसियों ने इनकी ज़मानत के लिए कोतवाली को भी घेरा। यही घटना डंग, जोकचन्द व गुर्जर के लिए आगे चलकर विस चुनाव लडऩे की बैसाखी बनी। इनमें से डंग आज प्रदेश में मंत्री हैं।

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