मध्य प्रदेश

वन मंत्री विजय शाह को शंकर शाह के बलिदान स्थल पर जाने से रोका…

जबलपुर। गोंडवाना राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर माल गोदाम शहीद स्थल पर पहुंचे प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह को सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। उनकी नोकझोंक भी हुई, लेकिन गृहमंत्री के आने का समय होने की वजह से उन्हें नहीं जाने दिया गया। मंत्री ने कहा- मैं वन मंत्री हूं। क्या हम फूल नहीं चढ़ा सकते। हम गोंड वंश के हैं। रानी दुर्गावती के वंशज हैं। इस पर वे बाहर से ही नमन करके चले गए। इस पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। दिग्विजय सिंह ने कहा- उनके पास दो विकल्प हैं, या तो वह इस्तीफा दे दे या मुख्यमंत्री को हटाने की मुहिम में जुड़ जाएं।

वन मंत्री पर कांग्रेस का तंज

गृहमंत्री अमित शाह के जाने के बाद माल गोदाम में शहीद स्थल पर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, डिंडौरी विधायक और आदिवासी नेता ओमकार सिंह मरकाम समेत अन्य कांग्रेस नेता पहुंचे। विधायक ओमकार सिंह ने आदिवासी संगठनों को पूजन से रोकने पर विरोध जताया। विधायक ने वन मंत्री विजय शाह के रोके जाने पर भी चुटकी ली। उन्होंने भाजपा के आदिवासी नेताओं पर निशाना साधा। कहा कि आप लोगों को इंदौर से टिकट नहीं दिया है। अहमदाबाद से टिकट नहीं दिए हैं। हमारे मंडला, डिंडौरी और जबलपुर से दिया है। चाहे विजय शाह हो या अन्य आदिवासी सीट से जीत कर आए हैं। आदिवासियों को धक्का मारा जा रहा है और आप लोग मंत्री बन बैठकर देख रहे हो। आपको सम्मान नहीं मिल रहा है तो कांग्रेस में आ जाओ।

सिंधिया से आदिवासियों के विकास की उम्मीद नहीं

कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि सिंधिया ने कांग्रेस में होते हुए भी आदिवासियों को विकास नहीं किया और अब तो और भाजपा में चले गए हैं, उनसे विकास की उम्मीद करना बेईमानी होगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बलिदान दिवस के कार्यक्रम से जुड़े संगठनों को ही इन नेताओं से दूर कर दिया गया है। इसे लेकर कार्यक्रम से जुड़े 10 संगठनों में गुस्सा है। गोंडवाना संरक्षण संघ 1980 से राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह का बलिदान दिवस मनाता आ रहा है। सुबह 10 बजे सबसे पहले समाज की महिला पूरे क्षेत्र को बांधती हैं और प्रतिमा स्थल पर कार्यक्रम समाप्ति होने तक बैठी रहती हैं। संगठन की मान्यता है कि इस धार्मिक अनुष्ठान के चलते कभी कोई अनहोनी नहीं होती है।

प्रशासन की सख्ती और स्थानीय नेताओं की दूरी से रोष

बलिदान दिवस से जुड़े संगठनों के मुताबिक गृहमंत्री पुष्पांजलि कार्यक्रम में आ रहे हैं, उनका स्वागत है। पर जिस तरह से प्रशासन के लोगों ने और स्थानीय नेताओं ने संगठन को दरकिनार कर अपनी मनमानी थोपने का प्रयास कर रहे हैं, उसे लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है।

हर साल महाकौशल के हर जिले से चार से पांच हजार लोग यहां श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचते हैं। सभी को अमित शाह व सीएम की मौजूदगी के समय प्रतिमा स्थल से दूर रहने के लिए हिदायत दे दी गई है। हालांकि सांसद राकेश सिंह इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। कहा कि देश के गृहमंत्री की बजाए उनकी मांग सीएम, सांस्कृतिक विभाग से जुड़े मंत्री कर सकते हैं। हमारी योजना इस स्थल के विकास की कार्ययोजना है। इस पर जल्द ही अमल भी होगा।

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