नई दिल्ली

पूर्वोत्तर को पहली वंदे भारत ट्रेन की सौगात; असम से बंगाल पहुंचने में लगेगा बस इतना समय….

गुवाहाटी । प्रधानमंत्री ने आज पूर्वोत्तर भारत को पहली वंदे भारत ट्रेन की सौगात दी। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग  के जरिए असम से वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा भी मौजूद रहे। यह वंदे भारत ट्रेन असम को पश्चिम बंगाल से जोड़ेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि गुवाहाटी से न्यू जलपाईगुड़ी तक चलने वाली यह ट्रेन असम और बंगाल के बीच सदियों पुराने संबंधों को और मजबूत करेगी। उन्होंने इस दौरान नए संसद भवन के उद्घाटन का भी जिक्र किया।

प्रधानमंत्री के संबोधन की बड़ी बातें
  • आज असम सहित पूरे नॉर्थ-ईस्ट की रेल कनेक्टिविटी के लिए एक बहुत बड़ा दिन है। आज नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी से जुड़े तीन काम एक साथ हो रहे हैं। आज नॉर्थ-ईस्ट को अपनी पहली मेड इन इंडिया वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है।
  • असम और मेघालय के लगभग सवा चार सौ किमी रेलवे ट्रैक पर बिजलीकरण का काम पूरा हो गया है।
  • लामडिंग में नवनिर्मित डेमो मेमो शेड का भी आज लोकार्पण हुआ है।
  • बीते 9 साल भारत के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों और नए भारत के निर्माण के रहे हैं। कल ही देश को आजाद भारत की भव्य-दिव्य आधुनिक संसद मिली है। ये भारत के हजारों वर्ष पुराने लोकतांत्रिक इतिहास को हमारे समृद्ध लोकतांत्रिक भविष्य से जोड़ने वाली संसद है।
  • हमारी सरकार ने आने के बाद सबसे ज्यादा गरीब कल्याण को प्राथमिकता दी। गरीबों के घर से लेकर महिलाओं के लिए टॉयलेट तक, पानी की पाइपलाइन से लेकर बिजली कनेक्शन तक, गैस पाइपलाइन से लेकर एम्स मेडिकल कॉलेज तक, रोड, रेल, जलमार्ग, पोर्ट, एयरपोर्ट, मोबाइल कनेक्टिविटी, हमने हर क्षेत्र में पूरी शक्ति से काम किया।
  • अपने अतीत की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए कुछ लोग कहते हैं कि पहले भी तो नॉर्थ-ईस्ट में बहुत काम हुआ था। इन लोगों ने नॉर्थ ईस्ट के लोगों को मूल सुविधाओं के लिए भी दशकों तक इंतजार करवाया। इस अक्षम्य अपराध का बहुत बड़ा नुकसान नॉर्थ-ईस्ट ने उठाया है।
  • गति के साथ-साथ भारतीय रेल आज दिलों को जोड़ने, समाज को जोड़ने और लोगों को अवसरों से जोड़ने का भी माध्यम बन रही है।
  • वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत नॉर्थ-ईस्ट के रेलवे स्टेशनों पर स्टॉल बनाए गए हैं। ये ‘वोकल फॉर लोकल’ को बल दे रहे हैं। इससे हमारे स्थानीय कारीगर, कलाकार, शिल्पकार जैसे साथियों को नया बाज़ार मिला है।
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