मध्य प्रदेश

दुर्घटना भी नहीं तोड़ सकी हिम्मत, चेहरे पर 10 टांके, पैर टूट गया पर हिम्मत नहीं हारी, बनीं ‘मिसेज इंडिया’ …

भोपाल. ब्यूटी कांटेस्ट के लिए घर में किसी का समर्थन नहीं मिला, अपनों की मौत हुई तो कई जिम्मेदारियां संभाली, लेकिन अपना जुनून और जिद नहीं छोड़ी. यहां तक कि दुर्घटना में चेहरे पर टांके तक आ गए, पैर भी टूटा, लेकिन हौसला पस्त नहीं हुआ और अंतत: उन्होंने अपनी मंजिल हासिल कर ही ली. पहली ‘अदा मिसेज इंडिया दीपा मेश्राम’ ने यह साबित कर दिया कि आपमें संघर्ष करने का जज्बा और हिम्मत है तो धैर्य, लेकिन दृढ़ता से कुछ भी हासिल किया जा सकता है, दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं।

यह कहना है ‘अदा मिसेज इंडिया’ का खिताब हासिल करने वाली दीपा मेश्राम का। उनका कहना है कि मेरी सोच है कि हमें छोटे-छोटे कदम बढ़ाने चाहिए, तभी हम आगे बढ़ सकते हैं और कुछ नया मुकाम हासिल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि शादी के बाद एक हादसे में जेठ और जेठानी की मौत हो गई थी। उनके दोनों बच्चों और अपनी एक बेटी की जिम्मेदारी संभालने के लिए उन्होंने जॉब छोड़ दिया। इस बीच मिसेज टीन सिटी लोकल पेजेंट में भाग लिया और विनर रहीं। यहीं से उन्हें जीवन की नई दिशा मिली। तीन महीने तक तैयारी की, लेकिन पेजेंट से पहले एक्सीडेंट हो गया।

दीपा ने बताया कि अदा फाउंडेशन की ओर से आयोजित ‘अदा मिसेज इंडिया’ कॉम्पीटिशन होने वाला था। ससुराल में जब बात की तो किसी का समर्थन नहीं मिला। फिर मेरी जिद के आगे सभी लोग मान गए। तीन महीने तक जमकर तैयारी की, लेकिन पेजेंट से पहले मेरा एक्सीडेंट हो गया और चेहरे पर दस टांके आए। पैर फैक्चर हो गया। परंतु, मैंने हिम्मत नहीं हारी और कोशिश जारी रखी। अंतत: मुझे सफलता मिली।

दीपा मेश्राम ने बताया कि ‘अदा मिसेज इंडिया’ प्रतियोगिता में देशभर से ब्यूटी पेजेंट में 35 महिलाओं ने भाग लिया था। यह पहला मौका रहा, जब समाज की किसी महिला ने इस तरह की प्रतियोगिता को जीता था। देशभर से तो मुझे तारीफें मिली, समाज में भी मुझे खूब सम्मान मिला। अब मैं समाज की अन्य महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए नि:शुल्क ट्रेनिंग दे रही हूं।

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