मध्य प्रदेश

दिग्विजय सिंह ने नई संसद की तुलना सोमालिया की पार्लियामेंट से की, भाजपा ने किया पलटवार

इस ट्वीट के बाद सुबह से ट्रोल हो रहे हैं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह...।

भोपाल। अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बुधवार को सुबह से ही एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उन्होंने नई संसद की तुलना सोमालिया की पुरानी पार्लियामेंट से कर दी। साथ ही दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के जरिए पीएम नरेंद्र मोदी को भी घेरा। दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय पर तंज कसते हुए कहा है कि वे सोमालिया से ही तुलना करेंगे, विदिशा के विजय सूर्य मंदिर से थोड़े ही तुलना करेंगे।

दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बुधवार को जवाहर सरकार के ट्वीट को रीट्वीट कर पीएम नरेंद्र मोदी को टैग किया है। दिग्विजय ने लिखा है कि क्या आप इस पर विश्वास कर सकते हैं कि सोमालिया की ओर से खारिज की गई संसद भवन की बिल्डिंग हमारे पीएम की प्रेरणा हैं। दिग्विजय ने आगे लिखा है कि जवाहर सरकार को पूरे नंबर। प्रधानमंत्री ऑफिस को टैग करते हुए दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि कॉपी कैट आर्किटेक्ट से 230 करोड़ रुपए की वसूली करें।

बीजेपी ने कसा तंज : नरोत्तम बोले- उनको सोमालिया ही नजर आएगा

दिग्विजय सिंह के नए संसद भवन की तुलना सोमालिया से करने पर प्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि वे सोमालिया से ही तुलना करेंगे, विदिशा के सूर्य मंदिर से थोड़े ही करेंगे, जो विजय सूर्य मंदिर है हमारा। वे राम मंदिर पर सवाल उठाएंगे, वे नई संसद भवन पर सवाल उठाएंगे और इनको सोमालिया ही नजर आएगा। क्योंकि, वे तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं। यह तुष्टिकरण का ही खेल है या उनके विवेक की उपज।

ताबूत से भी हो चुकी है तुलना

ज्ञात हो, नई संसद भवन की तुलना हाल ही में ताबूत से भी हो चुकी है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने नई संसद के स्ट्रक्चर की तुलना एक ताबूत से कर दी। आरजेडी ने इस संबंध में ट्वीट भी किया था।

विदिशा के विजय मंदिर से ली है डिजाइन!

नई संसद भवन की डिजाइन को लेकर मध्यप्रदेश के विदिशा का विजय मंदिर सुर्खियों में है। दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के अंतर्गत बने नए संसद भवन का आकार इस मंदिर से मेल खाता है। मध्यप्रदेश सरकार ने भी माना है कि यह विदिशा के परमारकालीन विजय सूर्य मंदिर की डिजाइन से मिलता-जुलता है।

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