छत्तीसगढ़पेण्ड्रा-मरवाही

धनपुर में विकास कार्यों की मांग को लेकर मंदिर ट्रस्ट का प्रतिनिधिमंडल मिला प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल से, मंत्री ने दिया आश्वासन …

पेंड्रा। प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल के गौरेला पेंड्रा मरवाही प्रवास के दौरान कलेक्टर परिसर में आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर पब्लिक ट्रस्ट धनपुर का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला तथा पौराणिक एवं पुरातात्विक देवनगरी धनपुर में विकास कार्यों के स्वीकृति की मांग की।

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के एकमात्र पंजीकृत ट्रस्ट आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर पब्लिक ट्रस्ट धनपुर के सदस्यों ने 5 अगस्त को प्रभारी मंत्री गौरेला पेंड्रा मरवाही जयसिंह अग्रवाल के प्रवास के दौरान उन्हें अवगत कराया कि आगामी बसंत पंचमी 6 फरवरी को तीन दिवसीय प्राण प्रतिष्ठा का समारोह प्रस्तावित है तथा अभी मंदिर के गुंबज का कार्य अपूर्ण है तथा तीनों गर्भ गृह में साज-सज्जा पूर्ण नहीं हुई है ।परिक्रमा के सभी ग्रिल भी लगना बाकी है ऐसे में मंदिर के सुदृढ़ीकरण हेतु एस्टीमेट के अनुसार तकनीकी स्वीकृति 30लाख रुपए का शेष 10 लाख रुपए प्रदान किया जाए ताकि शेष कार्य कराए जा सके।

इसी के साथ ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रभारी मंत्री से ब्रह्मलीन बाबा मनु गिरी महाराज की समाधि में छत एवं सौंदर्यीकरण, आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर परिसर में कंक्रीटीकरण, भैरव बाबा मंदिर के सामने शेड निर्माण एवं सौंदर्यीकरण, भैरव बाबा मंदिर के मुख्य मार्ग तक बनी सीढ़ी का सुंदरीकरण एवं प्रवेश द्वार का सौंदर्यीकरण, श्रद्धालुओं के लिए विश्राम गृह भवन निर्माण, तीर्थ यात्रियों के लिए महिला एवं पुरुष सुलभ शौचालय सहित यात्री प्रतीक्षालय एवं अन्य विकास कार्यों की मांग की गई जिस पर प्रभारी मंत्री ने स्वीकृति का आश्वासन दिया है।

प्रभारी मंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में ट्रस्ट के कार्यकारी अध्यक्ष आनंद जायसवाल, वरिष्ठ सदस्य गणेश पांडे, भागवत सिंह, सदस्य फलपाल सिंह, एवं ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष सुरेश पांडे शामिल थे। उक्त आशय की जानकारी आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर पब्लिक ट्रस्ट धनपुर के जनसंपर्क अधिकारी अक्षय नामदेव ने दी।

यहां पर उल्लेखनीय है कि धनपुर स्थित आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर नौवीं दसवीं शताब्दी से संबंधित है जो मां महामाया रतनपुर के समकालीन है। धनपुर को पांडव कालीन शहर भी माना जाता है। यहां पांडव काल की अनेक कथाएं जन श्रुति प्रचलित है। बताया जाता है कि यहां पांडवों ने अज्ञातवास का समय बिताया था तथा यहां अज्ञातवास के दौरान 365 तलाब खोदे थे जिन में से लगभग 200 अभी भी जीवित तालाब है। यहां पुरातत्व के अवशेष भी है । यहां स्थित आदिशक्ति मां दुर्गा देवी मंदिर में चैत्रऔर कंवार नवरात्रि धूमधाम से मनाया जाता है तथा दशहरा एवं अन्य पर्वों पर मेला आयोजित होता है। छत्तीसगढ़ शहीद मध्य प्रदेश श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए ही यहां जन सुविधा बढ़ाए जाने के साथ विकास कार्य की जरूरत है।

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