मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में डेम फूटने की कगार पर, दो जिलों के 12 गांवों पर मंडराया तबाही का खतरा, एयरफोर्स के 2 हेलीकॉप्टर और आर्मी की कंपनी तैनात ….

भोपाल/धार। मध्यप्रदेश में हो रही लगातार बारिश से एमपी का एक बड़ा डेम फूटने के कगार पर है, अगर ये डेम फूट गया तो दो जिलों में भारी तबाही मच सकती है, क्योंकि इस डेम के फूटने से निकला लाखों क्युसिक पानी कई गांवों और नगर को डूबा देगा। बांध से तेजी से पानी रिसने के बाद आसपास के गांव के लोग जान बचाकर भाग रहे हैं, इसकी जद में आने वाले करीब दो दर्जन गांवों में अफरा-तफरी मची हुई है। धार जिले में स्थित कारम डेम लीकेज होने की जानकारी मिलते ही प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर जमे हुए हैं, जल्द से जल्द गांवों को खाली करवाया जा रहा है।

कारम डेम में लीकेज होने से हड़कंप मच गया है, ये डेम धार जिले के धामनोद से करीब है, वैसे प्रशासन की टीम मुस्तैद हो गई है और डेम पर मिट्टी डालकर इस बड़े हादसे को रोकने का प्रयास लगातार जारी है, लेकिन पानी का बहाव रोकना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता है, इसलिए कब डेम फूट जाए और तबाही मच जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। ऐसे में सभी को अलर्ट करते हुए डूब क्षेत्र को छोडऩे की मुनादी कराई जा रही है। वैसे तो डेम धार जिले में पड़ता है, लेकिन इसका प्रभाव धार और खरगोन दोनों जिलों में पड़ेगा, खरगोन के 6 और धार जिले के करीब 12 गांव के साथ ही करीब 10 हजार से अधिक आबादी वाला गुजरी नामक कस्बा भी प्रभावित होगा, इसे भी खाली करवाया जा रहा है, ऐसे में लोग अपने जरूरी सामान लेकर भाग रहे हैं, फिर भी घर का पूरा सामान तो लोग ले जा नहीं सकते, ऐसे में जिसके हाथ जो लग रहा है, लेकर भाग रहा है।

अगर यह डेम फूट जाता है, तो निश्चित ही प्रदेश का सम्पर्क उत्तर और दक्षिण भारत से टूट जाएगा, क्योंकि आगरा मुंबई नेशनल हाइवे पूरी तरह बंद हो जाएगा, ऐसे में आवाजाही करने वाले वाहनों को भी रोकने से निश्चित ही दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग जाएगी, शुक्रवार सुबह भी इंदौर जाने वाले वाहनों को रूट डायवर्ट कर भेजा गया, जिससे वाहन चालकों को 30 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है, इससे यात्री बसों और स्कूल बसों की आवाजाही में काफी दिक्कतें हो रही। बच्चों और यात्रियों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। यदि एबी रोड पूरी तरह बंद हो गया तो हालात संभाले नहीं संभलेंगे। बहरहाल, डेम के जिस हिस्से से रिसाव हो रहा था, उसकी मरम्मत की जा रही है, वहां मिट्टी डालकर बांध को फूटने से बचाने की कोशिश हो रही है। हालांकि, पिछले दो दिन से बारिश थमने के कारण ये बांध बच गया, अन्यथा टूट जाता, चूंकि मिट्टी धसक गई है और बांध लीकेज हो गया है, ऐसे में अब अगर भारी बारिश होती है, तो निश्चित ही बांध टूट जाएगा।

जानकारी के अनुसार 304 करोड़ की लागत के इस बांध का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में प्रारंभ हुआ था। इसका निर्माण भी पूरा नहीं हुआ था और बारिश आने से बांध में भरपूर पानी की आवक हो गई, ऐसे में बांध लीकेज होने लगा और फूटने की कगार पर पहुंच गया। ग्रामीणों ने बांध के निर्माण में भारी अनियमितता और घटिया निर्माण का आरोप लगाया है। इसमें जमकर भ्रष्टाचार हुआ, इस कारण बांध लीकेज होना तय था, ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने कई बार इसकी शिकायत भी की, लेकिन किसी भी जिम्मेदार ने उस पर ध्यान नहीं दिया, जिसका खामियाजा आज लोग भुगत रहे हैं।

कारम मध्यम सिंचाई परियोजना के 590 मीटर लंबे और 52 मीटर ऊंचे बांध के दाहिने हिस्से में मिट्टी की दीवार बनाई गई है वो धंसक रही है। मिट्टी स्लिप हो जाने से बांध टूटने का खतरा बना हुआ है। वर्तमान में इसमें 15 एमसीएम पानी है। बांध की दीवार की मिट्टी धंसकने की खबर लगते ही शुक्रवार की सुबह जिले में हड़कंप मच गया। तुरंत कमिशनर और आईजी इंदौर, धार कलेक्टर और एसपी, जलसंसाधन विभाग के ईएनसी और सीई सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे।

ऐहतियातन धार जिले के 12 और खरगोन जिले के 6 गांवों को खाली कराकर वहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर राहत शिविरों में शिफ्ट कर दिया गया है। एनडीआरएफ की टीम और एसडीईआरएफ धार और इंदौर की टीमें, पड़ोस के थानों का पुलिस बल होम गार्ड और राजस्व विभाग का अमला बचाव कार्य में जुटा हुआ है। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर और आर्मी की एक कम्पनी तैनात की गयी है।

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