मध्य प्रदेश

एमपी में कांग्रेस का अविश्वास गिरा: शिवराज ने यूं दिखाया कमलनाथ को आईना

शिवराज बोले- इतना लचर अविश्वास प्रस्ताव आज तक नहीं देखा, सरकार हमने नहीं गिराई, अनिश्चितकाल के लिए विधानसभा स्थगित, शिवराज सरकार ने जीता विश्वास

भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस द्वारा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन गजब हंगामेदार रहा। अनुपूरक बजट पास होने के बाद से गहमा-गहमी का माहौल बनने लगा था। तीसरे दिन विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आधी रात तक बहस होती रही। चौथे दिन मुख्यमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला। जवाब के बाद अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज हो गया। सदन अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए शिवराज सिंह ने विपक्ष के आरोपों की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि ऐसा लचर अविश्वास प्रस्ताव मैंने तो देखा ही नहीं है। अगर अविश्वास की बात करें तो कांग्रेस में कौन, किस पर विश्वास करता है समझ में ही नहीं आता है। हम पर आरोप लगाए जाते हैं कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर 2020 को मतगणना का दिन था। रात के 2:00 बजे तक हमने चुनाव परिणाम देखे और जो परिणाम आए उसमें हमारी 109 सीटें थी, कांग्रेस की 114 सीटें थी। रात में मैं निश्चय करके सोया था कि सुबह ही मैं इस्तीफा दे दूंगा। शिवराज ने कहा कि कमल नाथ सरकार में 165 दिन में 450 आइएएस- आइपीएस के तबादले किए। 15 हजार से ज्यादा कर्मचारियों के तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। मुख्यमंत्री के ओएसडी का वीडियो वायरल हुआ, उसके कारण भ्रष्टाचार की विष बेल फैली। पूरे प्रदेश में त्राहि-त्राहि मच गई थी। हकीकत यह है कि सिंचाई के लिए पाइप लाइन की गुणवत्ता से भी कांग्रेस सरकार ने खिलवाड़ किया था। नियम, शर्तों से भी खिलवाड़ किया। घटिया गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग कर पैसों की बंदरबांट हुई थी। हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए गुंडे, माफिया, बदमाशों पर कार्रवाई की, लेकिन कांग्रेस सरकार ने भाजपा को निशाना बनाया था।
कमलनाथ सरकार में पोस्टिंग के लिए बोली लगती थी
मुख्यमंत्री ने कहा- आपने पांच महान काम किए। इस पर विधायक लक्ष्मण सिंह ने टोकते हुए कहा कि अविश्वास पर जवाब दें। शिवराज ने फिर कहा- कभी कलेक्टर-एसपी की पोस्टिंग में पहले पैसे नहीं लिए गए। लेकिन, कमलनाथ जी की सरकार में पैसे लेकर कई अधिकारी बदले गए। तीन-तीन कलेक्टर बदले। बात ये होती थी कि कौन कितने ज्यादा देने वाला है। मप्र के इतिहास में पदों की बंदरबांट की गई। अभी इसकी जांच चल रही है। इस बयान पर खरगोन की कसरावद सीट से विधायक सचिन यादव ने कहा कि इनके पास प्रमाण हैं क्या? सीएम ने जवाब देते हुए कहा- मामला लोकायुक्त में चल रहा है। इससे पहले सीएम ने कहा- हर बार ये कहा जाता है कि हमने सरकार गिराई। 11 दिसंबर को रात में कांग्रेस 110-112 सीटों पर आगे थी। रात में ये निश्चय करके सोया था कि सुबह इस्तीफा दे दूंगा। भूपेंद्र जी आए। मुझे कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा जमीर अनुमति नहीं देता।
अच्छे से काम करते तो आपके मंत्री छोड़कर हमारे साथ नहीं आते
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन योजना शुरुआत की, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने यह योजना शुरू ही नहीं की। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब परिवारों के लिए आवास योजना शुरू की, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार ने मकानों के प्रस्ताव भी लौटा दिए और राज्य के अंश की राशि भी कम कर दी, जिससे लाखों गरीब परिवारों के मकान का सपना टूटा। यदि कांग्रेस सरकार ने जनकल्याण और प्रदेश के विकास के लिए कार्य किया होता, तो उनकी ही सरकार के मंत्री उन्हें छोडक़र हमारे साथ ना आते। हमारे पास आए साथियों का फैसला सही था और जनता ने उन्हें उपचुनाव में भारी बहुमत से फिर से निर्वाचित किया।
कर्जमाफी कांग्रेस का दिखावा
कर्ज माफी को लेकर उन्होंने कहा कि केवल दिखावा किया गया। विभिन्न प्रकार की रोक लगाई गई, जिससे किसानों को कोई लाभ ना मिल सके, जबकि हमारी सरकार ने 17 करोड़ का फसल बीमा बांटा। किसानों को 35972 करोड़ों का बिजली अनुदान 15196 करोड़ों की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि 6352 करोड़ की राज्य सरकार की किसान सम्मान निधि की राशि दी गई किसानों को राहत राशि 3867 करोड़ दिए गए। शिवराज ने कहा कि कोरोना संकट से निबटने के लिए कांग्रेस की सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी। मेरी सरकार के पौने दो साल तो कोरोना से निबटने में ही निकल गए। 500 से ज्यादा बैठकें मैंने कीं। दिन-रात हमारी सरकार ने काम किया। कमलनाथ तो जनता को अधर में छोडक़र आइफा अवॉर्ड की तैयारी में लगे हुए थे।
सीएम बोले- सरकार आते ही आदिवासियों का पैसा बंद कर दिया
सीएम ने कहा- कमलनाथ सरकार ने कई योजनाओं को बंद करने का काम किया। ओमकार (डिंडौरी विधायक) आपके क्षेत्र में बैगा, सहरिया, भारिया तीन अति पिछड़ी जातियों को हमने तय किया था कि पोषण भत्ते के नाम पर एक हजार रुपए महीना दिया जाए। सरकार आते ही… हीरालाल (मनावर विधायक) सुन लेना जनजाति के बडे़ पैरोकार हैं आप….। कभी आपने आवाज उठाई ये पैसा क्यों बंद कर दिया? जीतू पटवारी ने कहा- आदिवासियों की योजना बंद करने को लेकर सीएम ने जो बात कही, उसका आदेश हो तो सदन के पटल पर रखें। सीएम ने कहा- जब तक इनकी सरकार थी, तब तक बैगा, भारिया, सहरिया बहनों के खातों में पैसा नहीं पहुंचा। कल ओमकार सिंह मरकाम ने सोहंती बाई का मामला उठाया था। मैं यहीं से मनीष रस्तोगी को निर्देश दे रहा हूं कि सोहंती बाई को ढूंढें और उसे भर्ती कराकर इलाज कराएं।
मुझसे कह रहे 16 साल में आपको ऐसा नहीं देखा
सीएम ने कहा- जब कांग्रेस सरकार जा रही थी, इस्तीफा देने के 15 मिनट पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल देने के लिए 63 करोड़ का सौदा किया था। उद्योगपतियों पर दबाब डाला गया। निर्दोषों पर कार्रवाई की गई। नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, संजय पाठक को परेशान किया। मेरे विस क्षेत्र में एक कार्यकर्ता शांत हो गया, मैं उनके यहां बैठने गया, एक शिक्षक मुझसे मिलने आ गया, तो उसे सस्पेंड कर दिया। मैंने आरिफ भाई से और कमलनाथ से कहा कि उसे बहाल कर दो। कई दिन बोलने के बाद भी मैं उसे न्याय नहीं दिला पाया। मुझसे कह रहे थे कि 16 साल में आपको ऐसा नहीं देखा। मैंने नहीं, शुरुआत आपने की थी। कांग्रेस की सरकार में हमारे साथियों पर झूठे केस लादे गए। हमने गुंडों, दबंगों, माफियाओं पर कार्रवाई की। कोई इसे अहंकार न कहे। गुंडे, माफिया, जनता की जिंदगी से खेलने वाले नहीं बचेंगे। हम निर्दोषों को छेड़ेंगे नहीं, दोषियों को छोड़ेंगे नहीं।
स्पीकर ने पटवारी से कहा- आपको ट्रेनिंग की जरूरत
बीजेपी ऑफिस में खाना खिलाने के आरोप पर सीएम ने कहा, बीजेपी कार्यालय में एक नया पैसा नहीं लगाया गया। आप अंधेरे में लट्‌ठ मारते रहते हो मित्र। इस पर राऊ से विधायक जीतू पटवारी ने कहा- जनसंपर्क विभाग से बताया गया कि बीजेपी कार्यालय में 90 बार खाना खिलाया गया। ये प्रश्न का उत्तर है। आप कहो तो पटल पर रख सकता हूं। आपके और मेरे घर में एक कप चाय कितने की आती है। बीजेपी वालों को लाखों की चाय पिला दी। स्पीकर ने जीतू से कहा, आपके जवाब पर किसी मंत्री ने चर्चा की क्या? इसीलिए कहते हैं कि ट्रेनिंग की जरूरत है आपको…। इस पर जीतू ने कहा- कैसी ट्रेनिंग? क्या झूठ बोलने की…।
सीएम से सज्जन वर्मा बोले- मेरे क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से मत रोको
सीएम ने कहा- पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का काम कांग्रेस की सरकार में हुआ था। गुरुजी, शिक्षाकर्मी रखने का काम करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया। हमने उन शिक्षाकर्मी, गुरुजी की सैलरी बढ़ाने का काम किया। हम सीएम राइज स्कूल खोल रहे हैं। इस पर विपक्षी विधायकों ने कहा कि अतिथि शिक्षकों के भरोसे स्कूल चल रहे हैं। सज्जन वर्मा ने कहा- मैं सोनकच्छ से विधायक हूं, इसलिए आपने उस स्कूल का नाम मेरी विधानसभा से हटा दिया। मुझे भोपाल में घर मत दो, लेकिन मेरे क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से मत रोको।
भार्गव ने कांग्रेस विधायकों को बिना नेता की अराजक फौज कहा
टंट्या मामा को लेकर हीरालाल अलावा और राम डंगोरे में बहस हुई। दांगोरे ने कहा कि कांग्रेस के समय टंट्या मामा को डाकू कहा जाता था। सीएम ने पेसा पर बोलना शुरू किया, इतने में कांग्रेस के आदिवासी विधायक हीरालाल अलावा, कांतिलाल भूरिया, ओमकार मरकाम हंगामा करने लगे। सीएम ने हीरालाल अलावा से कहा- मैं पेसा पर बोल रहा हूं, कम से कम पेसा तो सुन लो…। इस बीच गोपाल भार्गव ने हंगामे पर कहा- ये बिना नेता की अराजक फौज है। इनका नेता कौन है, ये तो बताएं। प्रतिपक्ष के दोनों नेता गायब हैं। मेरा अनुरोध है कि अपना नेता चुन लें। जनजातीय कार्यमंत्री मीना सिंह मांडवे ने भी कांग्रेस विधायकों के हंगामे पर नाराजगी जताई।
विधायक ने कहा- डबरा में अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही। सीएम ने कानून व्यवस्था पर लगाए गए आरोपों पर कहा- सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है। कल गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विपक्ष के हर आरोप का जवाब दिया है। माफियाओं पर कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच डबरा विधायक सुरेश राजे ने कहा- डबरा में अभी भी अवैध तरीके से रेत का काम हो रहा। सीएम ने कहा, हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस तो दो-चार घंटे का धरना देती है, हम तो 48-48 घंटे के लिए बैठते थे। मैं यह संकल्प व्यक्त करना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश की जनता की सेवा के लिए हमारी यह जिंदगी है। सीएम ने कहा- हमने राजनीतिक विद्वेष में कभी कोई कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस तो दो-चार घंटे का धरना देती है, हम तो 48-48 घंटे के लिए बैठते थे। मैं यह संकल्प व्यक्त करना चाहता हूं कि मध्यप्रदेश की जनता की सेवा के लिए हमारी यह जिंदगी है।
सिंधिया का चेहरा दिखाकर वोट लिए और बुजुर्ग को सीएम बना दिया: प्रद्युम्न सिंह
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा- मध्यप्रदेश में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने सिंधिया जी का चेहरा दिखाकर वोट लिए और बाद में 70 साल के बुजुर्ग को सीएम बना दिया। जब हम कांग्रेस में थे, तब 100 यूनिट बिजली 100 रुपये में देने का वचन दिया था, लेकिन उसे कांग्रेस की सरकार ने पूरा नहीं किया। उसे शिवराज सिंह चौहान ने पूरा किया।
कमलनाथ सदन में मौजूद नहीं रहे
कमलनाथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे। वे विदिशा जिले के सिरोंज जिले के दौरे पर रहे। उन्होंने वहां कहा कि मैंने पहले ही कह दिया था कि सिरोंज आऊंगा, मैं वचन का पक्का हूं, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव छोड़कर आपके बीच आया हूं।

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