मध्य प्रदेश

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव, एमपी में 464 पीसीसी डेलीगेट्स ने ही मतदान में हिस्सा लिया, 26 वोट करने नहीं आए …

भोपाल। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मतदान केन्द्र बनाया गया था। यहां कुल 502 पीसीसी डेलीगेट्स में से 464 ने ही मतदान में हिस्सा लिया। 26 वोट करने नहीं आए। अखिल भारतीय कांग्रेस संगठन के प्रदेश निर्वाचन अधिकारी आरसी खुंटिया ने बताया कि 12 पीसीसी डेलीगेट्स ऐसे हैं, जिन्होंने अन्य स्थानों पर मतदान किया। इसकी उन्होंने पूर्व अनुमति ले ली थी।

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सोमवार को हुए मतदान को लेकर कांग्रेसियों में खासा उत्साह रहा। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चला। मतदान शुरू होने के पहले ही प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि (पीसीसी डेलीगेट) कतार में खड़े हो गए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सबसे पहले वोट डाला, जबकि नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने दूसरे नम्बर पर वोट दिया। कांग्रेस संगठन के इस चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सीधा मुकाबला था। खड़गे की ओर से अशोक सिंह, जेपी धनोपिया, महेन्द्र सिंह और अजय चौरड़िया पोलिंग एजेंट थे, जबकि थरूर की ओर से राजकुमार सिंह, संतोष सिंह परिहार, जितेन्द्र मिश्रा और अर्जुन शर्मा पोलिंग एजेंट थे। मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्वाचन अधिकारी आरसी खुंटिया ने बताया कि मतदान शांतिपूर्ण हुआ। उन्होंने स्वीकार किया कि 26 डेलीगेट ने वोट नहीं डाला। अन्य राज्यों से पीआरओ, एपीआरओ और डीआरओ के रूप में मध्यप्रदेश आए 7 डेलीगेट ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

खुंटिया ने बताया कि करीब एक दर्जन पीसीसी डेलीगेट्स ने यहां वोट नहीं किया। उन्होंने इसकी पूर्व अनुमति ले ली थी। उन्होंने अन्य अन्य स्थानों पर मतदान किया। इनमें दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा, मीनाक्षी नटराजन, वीरेन्द्र द्विवेदी, राजेन्द्र मिश्रा, नीलांशु चतुर्वेदी, सत्यनारायण पटेल, हरपाल ठाकुर, प्रतापभानु शर्मा, उमेश शर्मा, शोभा ओझा, प्रतिभा रघुवंशी शामिल हैं। मतदान के दौरान कांगेस दफ्तर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। मतदान के लिए मतदाताओं के परिचय पत्र बनाए गए थे, उनकी पहचान और पुष्टि के बाद ही उन्हें मतदान का अधिकार दिया गया। मतदान के लिए चार मतपेटियां रखी गई थीं। मतदान पूरी तरह गोपनीय रहा।

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