नई दिल्ली

पलायन रोकने में कांग्रेस फेल, कपिल सिब्बल ही नहीं; 2022 में कई नेताओं ने भी छोड़ा साथ …

नई दिल्ली। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले कपिल सिब्बल पार्टी के उन नेताओं में शामिल थे जो कि नेतृत्व में परिवर्तन को लेकर एक नहीं कई बार आवाज उठाई थी। इसमें गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी समेत कई नेता शामिल थे। कांग्रेस पार्टी संगठन में सुधार लाने के लिए किए जा रहे कुछ प्रयासों के बावजूद अपने नेताओं के पलायन को रोकने में सफल नहीं हो पाई है।

इसका सबसे बड़े उदाहरण सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल हैं। सिब्बल अब इस पुरानी पार्टी को छोड़ चुके हैं। सिब्बल के अलावा, संगठन में वरिष्ठ पदों पर बैठे कई अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस छोड़ने का विकल्प चुना है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई राज्यों में पार्टी अंदरूनी कलह से गुजर रही है।

हाल के महीनों में पार्टी अलाकमान के मुखर आलोचक रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। कपिल सिब्बल ने लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की ओर से उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर के कुछ दिन बाद 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

कपिल सिब्बल ने कहा, ‘मैं एक कांग्रेस नेता था। लेकिन अब और नहीं। मैंने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। मैं अखिलेश यादव जी का शुक्रगुजार हूं… 2024 (आम चुनाव) के लिए कई लोग एक साथ आ रहे हैं। हम 2024 से पहले केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे।’

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