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कांग्रेस का आरोप- बड़ी घटनाओं को भाजपा का संरक्षण कैसे मिल जाता है ….

रायपुर (गुणनिधि मिश्रा) । क्यों भारतीय जनता पार्टी अपने ऊपर दाग़ लगते ही दूसरों के दाग गिनाने लगती है? उत्तर प्रदेश में हाथरस की दुखद, दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना का जवाब देने की बजाय वह कभी राजस्थान का नाम लेती है तो कभी छत्तीसगढ़ का।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पहले भाजपा को हाथरस की लीपापोती का जवाब देना होगा, फिर बलरामपुर और भदोही का भी जवाब देना होगा.उन्होंने कहा है कि बलात्कार की घटनाएं अमानवीय ही होती हैं और इसकी पीड़ा को किसी भी सूरत में कम नहीं किया जा सकता. बलात्कार की घटनाएं कहीं भी हो किसी के भी साथ हो बेहद गंभीर हैं और मानवता के विरुद्ध अपराध हैं लेकिन बलात्कार की घटनाओं के बाद उत्तर प्रदेश की अजय सिंह बिष्ट सरकार ने जिस तरह से इस पर लीपापोती करने की कोशिश की, पीड़िता के शव को जलाया और परिवार को प्रलोभन दिया, वह बेहद गंभीर और अफ़सोसनाक है।

शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज रमन सिंह, उनके पिछलग्गू नेता और रमनसिंह की बी टीम बलात्कार की घटना पर व्यथित होने का झूठा दिखावा कर रहे हैं लेकिन आंकड़ों में दर्ज है कि छत्तीसगढ़ में रमनसिंह के 15 साल के कार्यकाल में क्या हुआ। एक समय था जब एनसीआरबी के आंकड़ों में छत्तीसगढ़ का दुर्ग बलात्कार की राजधानी बन गया था और उस समय भी मुख्यमंत्री रमन सिंह ही थे.मीना खल्खो और मड़कम हिड़में के साथ क्या हुआ था यह तो रमनसिंह आज तक बोल नहीं पाते। छत्तीसगढ़ के लोग इस बात को कभी भूल नहीं सकते की नसबंदी कांड, गर्भाशय कांड और झलिया मारी कांड जैसे बड़े-बड़े महिलाओं के खिलाफ अपराध रमन सिंह के कार्यकाल में ही हुये।

पूरे देश में भाजपा के जनप्रतिनिधि विधायक नेता या तो शामिल रहे या संरक्षण दिया हो, हाथरस बलरामपुर और उसके पहले उन्नाव और जम्मू कठुआ की ऐसी घटनाओं से देश में गहरी नाराजगी है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि हाथरस की घटना पर मुंह में दही जमा कर बैठे सांप्रदायिक नेताओं और उनके पिछलग्गुओं और बी टीम के द्वारा इसके बाद की गई बयान बाजी बेशर्मी की पराकाष्ठा है। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रति भाजपा और आरएसएस की सोच को प्रदर्शित करने वाली यह बयान बाजी बेहद दुखद और अमानवीय है। उत्तर प्रदेश में हाथरस की घटना में जिस तरह से पीड़िता को सही इलाज तक मिलने से रोका गया पीड़िता की जीभ काट ली गई पीड़िता के ऊपर प्राणघातक हमले किए गए और आरोपियों को सरकारी संरक्षण दिया गया।

पोस्टमार्टम की रिपोर्ट सच को झूठलाते हुए कहती है कि पीड़िता के साथ बलात्कार हुआ ही नहीं और उसकी जीभ भी नहीं काटी गई जबकि 15 दिन से पीड़िता का इलाज इन्हीं कारणों से चल रहा है और पोस्टमार्टम की इस तरह की संदिग्ध रिपोर्ट देने के बाद पीड़िता का शव रात को 2:30 बजे उसके परिवार वालों की अनुपस्थिति में संदिग्ध परिस्थितियों में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जला दिया जाता है।

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