मध्य प्रदेश

कांग्रेस ने अमित शाह से पूछा सवाल: गृहमंत्री अमित शाह बताएं गौतम अडानी की शैल कंपनी में लगे 20 हजार करोड़ रुपए किसके?

केके मिश्रा बोले- वे यह भी बताएं कि छिंदवाड़ा के विकास कार्यों और विकास योजनाओं में अवरोध पैदा करने वाले कौन हैं?

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग अध्यक्ष केके मिश्रा ने प्रदेश प्रवास पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पत्रकार वार्ता के माध्यम से जानना चाहा है कि वे बताएं कि उद्योगपति गौतम अडानी की शैल कंपनी में लगा 20 हजार करोड़ रुपया किसका है? जिसका है, उस चेहरे को सार्वजनिक किया जाए?

उन्होंने देश के गृह मंत्री से यह भी पूछा है कि छिंदवाड़ा के विकास कार्यों को किसके निर्देश पर और क्यूं रोका गया है? क्या यह जन विरोधी और विकास विरोधी नहीं है? मिश्रा ने स्पष्ट किया कि भारतीय न्याय पालिका विश्व की सर्वश्रेष्ठ न्याय पालिका है, किंतु राहुल गांधी को सूरत (गुजरात) जिला न्यायालय द्वारा एक मानहानि प्रकरण में दी गई सजा के बाद यह प्रश्न उठना भी स्वाभाविक है कि कर्नाटक प्रांत के कोलार में राहुल गांधी द्वारा कहे गए शब्दों का उल्लेख करते हुए गुजरात के सूरत में मानहानि का जो परिवाद दाखिल किया गया, क्या वह उस क्षेत्राधिकार में था? सामान्यत: अपराध जिस क्षेत्र में घटित होता है उसकी एफआईआर और परिवाद का क्षेत्राधिकार भी वही स्थान होता है। क्या इस परिवाद की सुनवाई के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि परिवाद लगने वाले व्यक्ति की व्यक्तिगत मानहानि हुई है? क्या परिवाद की सुनवाई के दौरान यदि परिवादकर्ता ने यह बताया हो कि मैंने राहुल गांधी का वक्तव्य किसी चैनल पर देखा है, तब क्या सुनवाई कर रही? निचली अदालत में उस चैनल अथवा प्रकाशन करने वाले संपादक को भी आरोपी बनाया गया या उन्हें गवाह में शामिल किया गया?

कांग्रेस ने कहा कि राहुल गांधी ने जिन बड़ेे-बड़े घोटालेबाजों के नाम बताकर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है कि सभी चोरों के सरनेम मोदी क्यों है, उसका तात्पर्य ये बिलकुल भी नहीं है कि सभी मोदी सरनेम वाले चोर हैं, बल्कि उन्होंने यह आशंका जताई है कि सभी चोर सरकार से बचने के लिए अपना सरनेम मोदी तो नहीं बता रहे हैं? राहुल गांधी ने उनके विरुद्ध व्यक्तिगत परिवाद लगाने वाले पूर्णेश मोदी के खिलाफ कोई मानहानिकारक वक्तव्य नहीं दिया था, जिससे उस व्यक्ति विशेष की मानहानि हुई हो, राहुल गांधी का वक्तव्य एक सामान्य वक्तव्य है।

यह उठाए सवाल

केके मिश्रा ने छिंदवाड़ा को लेकर भी गृह मंत्री अमित शाह से पूछा है कि यदि भाजपा विद्वेष और बदले की भावना से कार्यवाही नही करती है (?) तो वे यह भी बताएं कि छिंदवाड़ा में निर्मित होने वाले 1455 करोड़ रुपयों के मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल के निर्माण में बाधा क्यों उत्पन्न की गई, उसकी रफ्तार धीमी करने को लेकर किसका षड्यंत्र है? कमलनाथ द्वारा घोषित 600 करोड़ रुपयों के व्यय से स्थापित होने वाला विवि आज सिर्फ एक लाइब्रेरी के परिसर में लगने को मजबूर क्यूं है? नवोदय विद्यालय के निर्माण को क्यूं रोका गया? 35-35 करोड़ रुपयों से बनने वाली छिंदवाड़ा की अंतराल सडक़ें और मिनी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में अवरोध उत्पन्न करने वाले कौन हैं? छिंदवाटा जिले को संभाग बनाने के प्रस्ताव और 12000 करोड़ के प्रस्तावित विकास कार्यों को रोकने का मौखिक निर्देश देने वाला चेहरा कौन?

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