लखनऊ/उत्तरप्रदेश

भ्रष्टाचार का आरोपी सीओ विद्या किशोर शर्मा डिमोट होकर बना इंस्पेक्टर, रेप केस में पांच लाख की रिश्वत का था आरोप ….

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में रेप, लूट डकैती आम बात है। वहीं उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार भी चरम पर है। कहा जाता है कि योगी राज में बिना रिश्वत के सूई नोक बराबर भी काम नहीं होता। अपराधियों का तो यहां अतिथियों की तरह सत्कार किया जाता है। जो जितना बड़ा अपराधी वो उतना बड़ा नेता। लेकिन अब नेता राज्य की छवि बदलने की कवायद कर रहे है। इसी क्रम में यूपी में रेप केस मामले में पांच लाख की घूसखोरी में दोषी पाए गए रामपुर के तत्कालीन सीओ सिटी विद्या किशोर शर्मा को योगी सरकार ने डिमोट कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर इस जानकारी को सार्वजनिक किया है। जांच में भ्रष्टाचार के आरोप सही मिलने पर उन्हें बीते वर्ष दिसंबर माह में निलंबित कर दिया गया था।

पूर्व में यहां सीओ सिटी रहे विद्या किशोर शर्मा पर एक के बाद एक भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे। सीओ का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इस मामले में उनके विरुद्ध शिकायत भी की गई थी। दरअसल,

यह मामला एक महिला से जुड़ा था, जिसके साथ पूर्व गंज कोतवाल रामवीर सिंह यादव और अस्पताल संचालक विनोद यादव पर रेप का आरोप लगा था। इस मामले में मुकदमा न लिखने के लिए अस्पताल संचालक द्वारा पूर्व सीओ सिटी को पांच लाख रुपये की रिश्वत देने का आरोप था। बाद में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान जब महिला ने आत्मदाह की धमकी दी, तब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। उनके द्वारा रिश्वत लेते हुए वीडियो मुख्यमंत्री तक भी पहुंचा था। इसके बाद  शासन ने उन्हें पद से हटा दिया था। इसके साथ ही मामले में जांच बैठा दी थी।  इस पर सीओ सिटी को निलंबित किया गया था। जांच में दोषी पाए गए सीओ विद्या किशोर को अब इंस्पेक्टर बना दिया गया। 

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