मध्य प्रदेश

सौगात : रिटायरमेंट के समय जांच पेंडिंग होने पर भी मिलेगी कर्मचारियों को पेंशन

चुनावी साल में सरकारी कर्मचारियों के हित में शिवराज सरकार का बड़ा फैसला

भोपाल। मध्यप्रदेश में चुनावी साल में शिवराज सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के हित में एक बड़ा फै सला लिया है। जिसके तहत अब रिटायरमेंट के समय विभागीय जांच या न्यायिक जांच पेंडिंग रहने पर भी सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी को पेंशन की पात्रता रहेगी। हालांकि इस फैसले का लाभ भ्रष्ट और लापरवाह कर्मचारी उठा सकते हैं, जिसके चलते प्रदेश सरकार के इस फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं।
राज्य शासन ने मध्यप्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों के पेंशन नियम में संशोधन किया है। नियम में संशोधन के बाद अब अगर किसी कर्मचारी-अधिकारी के रिटायरमेंट के समय विभागीय जांच, न्यायिक कार्रवाई पेंडिंग रहती है, तो भी संबंधित कर्मचारी-अधिकारी को पेंशन की पात्रता रहेगी। इसके साथ ही रिटायरमेंट के समय तक विभागीय या न्यायिक जांच पेंडिंग होने के चलते निलंबित रहने वाले सरकारी कर्मचारी को भी उसके लिए संशोधित पेंशन नियम का फायदा मिलेगा। संशोधन नियम में सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि किसी कर्मचारी के सस्पेंड होने के पहले की तारीख तक की अर्हकारी सेवा अवधि को आधार मानकर अनंतिम पेंशन की गणना की जाएगी। राज्य शासन ने विगत दिनों जारी आदेश में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1976 में संशोधन किया है। जिसके तहत अब उन कर्मचारियों-अधिकारियों को नए संशोधित नियम का लाभ मिलेगा, जिनकी सेवानिवृत्ति के दिन तक विभागीय जांच या न्यायिक जांच पेंडिंग रहती है।

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