मध्य प्रदेश

सीएम शिवराज ने अपने जन्म दिन पर अपनी महत्वाकांक्षी योजना ‘लाड़ली बहना’ का किया शुभारंभ

योजना का पहला फॉर्म खुद भरकर की योजना की शुरूआत, योजना का थीम सॉन्ग भी किया लांच

भोपाल। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह की महत्वाकांक्षी और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मास्टर स्ट्रोक मानी जा रही लाड़ली बहना योजना आज से लॉन्च हो गई। अपने जन्मदिन के अवसर पर राजधानी भोपाल के जंबूरी मैदान में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लाखों महिलाओं की उपस्थिति में योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने मंच से महिलाओं से बात करते हुए योजना के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही यह भी बताया कि यह योजना क्यों बनाई गई। इस अवसर पर सीएम शिवराज सिंह ने लाड़ली बहना योजना का पहला फॉर्म खुद भरा। इस अवसर पर लाड़ली बहना योजना का थीम सॉन्ग भी लॉन्च हुआ। थीम सॉन्ग में बुंदेली, बघेली, मालवी और निमाड़ी का संगम है।

सीएम शिवराज सिंह ने लाड़ली बहना योजना का पहला फॉर्म खुद भरकर योजना का शुभारंभ किया

इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा कि- मेरी बहनों, याेजना का लाभ लेने में आपको किसी तरह की दिक्कत न आए इसलिए ये कार्यक्रम रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में मां और बेटियों का हमेशा सम्मान रहा है। हमारे जितने देवता हैं उनके पहले देवी का नाम लेना पड़ता है। लेकिन महिलाएं कई बार भेदभाव का शिकार हो जाती हैं। बेटियां होने पर पहले मां और परिवार का चेहरा उतर जाता था। ये सब देखकर बहुत पीड़ा होती थी। बेटा और बेटी दोनों बराबर हैं। पहली बार मैंने कोई योजना बनाई तो वो थी कन्या विवाह योजना। उन्होंने इस दौरान कमलनाथ और कांग्रेस पर हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में कन्या विवाह योजना को लगभग बंद कर दिया था। शादी होने के बाद पैसे नहीं दिए गए। यही नहीं, हमारी कई योजनाओं को कमलनाथ ने बंद कर दी।

सीएम शिवराज ने लाड़ली बहना योजना के शुभारंभ पर मंच से पुष्पवर्षा कर किया महिलाओं का स्वागत

शिवराज बोले- मैने सोचा बहनों को एक बार पैसा देने से काम नहीं चलेगा, हर महीने देने की जरूरत

कार्यक्रम में आईं लाखों बहनों से बात करते हुए सीएम शिवराज ने यह बताया कि आखिरकार इस योजना को बनाने का विचार उन्हें कैसे आया। उन्होंने कहा कि मैंने सोचा बहनों को साल में एक बार देने से काम नहीं चलेगा, हर महीने यदि पैसा मिलेगा तो समस्याओं का समाधान होगा और बहनें इज्जत से जी सकेंगी और इसी विचार से बनी लाड़ली बहना योजना।

जो हमने तय किया, वो देश की धरती पर कहीं नहीं हुआ: शिवराज

सीएम शिवराज ने इसे ऐतिहासिक फैसले के बारे में कहा कि जो देश की धरती पर कहीं नहीं हुआ, वह हमने तय किया। जितनी गरीब और निम्न वर्ग की महिलाएं हैं, जिनके परिवार की आमदनी ढाई लाख रुपये से कम है, जो इनकम टैक्स नहीं देतीं, उन सब बहनों के खाते में 1 हजार रुपए डाले जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हर महीने 1 हजार मिलेंगे तो साल में 12 हजार होंगे। योजना से घर की हालत बदल जाएगी। बहन स्वाभिमान के साथ जिएंगी, सम्मान और इज्जत के साथ जिएंगी। यह केवल योजना नहीं है, यह बहनों की जिंदगी बदलने का अभियान है।

सीएम ने किया आश्वत: कहा- योजना के लिए नहीं देना होगा कोई आय प्रमाण पत्र

मंच से ही सीएम शिवराज ने सभी लाड़ली बहनों को आश्वस्त करते हुए कहा कि मेरी बहनों, योजना का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाने की जरूरत नहीं है। लोकसेवा केंद्र के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। अपने आवेदन में ढाई लाख रुपए से कम की आय लिख देना। इसे मान लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरी बहनों, लाड़ली बहना सेना भी बनाई जाएगी। ये सेना गड़बड़ करने वालों को ठीक करेगी। योजना में कोई गड़बड़ी होने नहीं देंगे।

एक योजना से सधेंगे करोड़ वोटर

नवंबर-दिसंबर में होने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों में महिला वोटरों की भूमिका अहम रहने वाली है। 41 जिलों में तो महिला वोटरों की संख्या पुरुषों से अधिक हो गई है। इसे देखते हुए दोनों प्रमुख पार्टियां उन्हें आकर्षित करने में लग गई हैं।

इसलिए महत्वपूर्ण हैं महिला वोटर

मध्यप्रदेश में 41 जिलों में महिला वोटरों की संख्या अब पुरुष वोटरों से अधिक हो गई है। कुल वोटरों में महिलाओं का अनुपात भी बढ़ा है। 2018 में मध्यप्रदेश में एक हजार पुरुष वोटर्स पर 898 महिला वोटर थीं। 2023 में आंकड़ा बढ़कर 931 हो गया है। इस समय प्रदेश में 2.79 करोड़ पुरुष वोटर और 2.60 करोड़ महिला वोटर है। शिवराज सरकार को भरोसा है कि इन 2.6 करोड़ महिला वोटरों में से करीब 60 लाख महिलाएं लाड़ली बहना योजना की हितग्राही होंगी। इस वजह से शिवराज की इस योजना को उनका मास्टर स्ट्रोक कहा जा रहा है।

वोटिंग में हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ी

एक और कारण है, प्रदेश में हर विधानसभा चुनाव में महिलाओं के वोट बढ़ रहे हैं। 2008 के विधानसभा चुनावों में पुरुष और महिला वोटिंग में सात प्रतिशत का अंतर था। वहीं, 2013 में यह घटकर चार और 2018 में दो प्रतिशत रह गया। यानी लोकतंत्र के उत्सव में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों से कम नहीं, बल्कि बराबर हो रही है। ऐसे में उनके लिए किसी भी योजना की घोषणा पार्टी के पक्ष में ही होगी।

51 सीटों पर महिलाओं ने तय की हार-जीत

राजनीतिक दलों के महिलाओं पर बढ़ते फोकस का एक और बड़ा कारण यह भी है कि 2018 में 51 सीटों महिलाओं ने वोटिंग में पुरुषों को पीछे छोड़ दिया था। इनमें से करीब 80 प्रतिशत सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी। करीब दो दर्जन सीटों पर महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 80 प्रतिशत से भी अधिक था। यह बताता है कि महिलाओं का बढ़ा प्रतिशत भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है। 2018 के चुनावों की बात करें तो 230 सीटों के सदन में भाजपा ने 109 और कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की थी। किसी तो भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। खास बात यह थी कि भाजपा (41.02%) को कांग्रेस (40.89%) से अधिक वोट मिले थे। इसके बाद भी पांच सीटें कम पड़ गई थी।

कमलनाथ ने भी चला दांव

मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव इसी साल नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के एजेंडे में महिलाओं के अधिक से अधिक वोट हासिल करना प्रमुखता से है। इन वोट्स पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना के जरिये मजबूत दावा पेश किया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी इसका महत्व समझते हैं। इस वजह से उन्होंने इसी योजना को विस्तार देने का एलान किया है। पिछले चुनावों में भाजपा ने 10% टिकट महिला उम्मीदवारों को दिए थे, जबकि कांग्रेस ने 12% टिकट। यानी टिकट वितरण में कांग्रेस ने भाजपा से ज्यादा महिलाओं पर भरोसा जताया था। इस बार भी कांग्रेस ज्यादा महिलाओं को उम्मीदवार बनाकर आधी आबादी का भरोसा जीतने की कोशिश कर सकती है। दूसरी ओर, कमलनाथ ने लाड़ली बहना योजना का विरोध करने के बजाय यह कहकर विरोधी खेमे में हलचल बढ़ा दी कि जीतकर आए तो पात्र महिलाओं को 12 के बजाय 18 हजार रुपये सालाना देंगे। यानी हर महीने 1,500 रुपये। यह एक बड़ा दांव साबित हो सकता है।

मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना की प्रमुख बातें

  • 5 मार्च 2023 से योजना की शुरुआत
  • 30 अप्रैल 2023 तक कर सकेंगे योजना के लिए आवेदन
  • 31 मई 2023 को योजना के लाभार्थियों की अंतिम सूची जारी होगी
  • 10 जून 2023 से योजना का लाभ मिलना शुरु हो जाएगा
  • हर महीने की 10 तारीख को बहनों के खाते में पहुंचेगी राशि
  • महत्वाकांक्षी लाडली लक्ष्मी योजना के बाद आज से शुरू हुई लाडली बहना योजना
  • शिवराज सरकार प्रदेश की बहनों को हर माह देगी 1 हजार रुपये
  • हर माह की 10 तारीख को बहनों के खाते में डाली जाएगी लाड़ली बहना योजना की राशि
  • विवाहिता, विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता बहनें होंगी पात्र
  • परिवार की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक न हो
  • ग्राम पंचायत, वार्ड एवं आंगनवाड़ी केंद्रों में शिविर लगाकर भरे जाएंगे योजना के आवेदन-पत्र
  • 23 से 60 वर्ष तक आयु की महिलाओं के खाते में प्रति माह डलेंगे 1000 रुपए

 

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