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झीरम रिपोर्ट पर बोले सीएम भूपेश बघेल : किसे बचाना चाहती है मोदी सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार को जांच से क्यों रोका जा रहा …

रायपुर । बस्तर के झीरम घाटी कांड में न्यायिक जांच आयोग द्वारा रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपने के बाद से छत्तीसगढ़ की राजनीति में बवाल मचा हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को कहा कि आखिर मोदी सरकार झीरम घाटी के षड्यंत्र में किसे बचाना चाहती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम में षड़यंत्र हुआ था और मोदी सरकार व पूर्व की भाजपा सरकार इसे भली-भांति जानती है। छत्तीसगढ़ सरकार को गुमराह कर किस तथ्य को छिपाना चाहते हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि एनआईए ने घटना स्थल पर मौजूद अधिकांश लोगों से कुछ पूछा तक नहीं है। ऐसे में आयोग की जांच रिपोर्ट सवालों के घेरे में है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य शासन को आखिर जांच करने से क्यों रोका जा रहा है। फाइल क्यों नहीं दी जा रही। केंद्र सरकार का इसमें बड़ा षड़यंत्र है। एनआईए और न्यायिक जांच की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। हमने चुनावी घोषणापत्र में झीरम कांड की जांच कराने का वादा किया था। हम सरकार में आए तो एसआईटी का गठन किया। केंद्र सरकार से केस डायरी वापस मांगी, लेकिन कई बार पत्राचार और गृह मंत्री के साथ कई बैठकों के बाद भी केंद्र सरकार ने केस वापस नहीं किया। सीएम ने कहा कि अगर रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए तो आखिर जांच भी कौन करेगा, क्योंकि राज्य शासन को जांच करने नहीं दिया जा रहा है। जांच आयोग की रिपोर्ट आधी-अधूरी है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि न्यायिक आयोग ने रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंप कर मान्य प्रक्रिया का उल्लंघन किया है। सामान्यत: जब भी किसी न्यायिक आयोग का गठन किया जाता है तो आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है और उसे विधानसभा के पटल पर रखा जाता है। सीएम ने कहा कि राजभवन से रिपोर्ट सौंपे जाने की जानकारी अभी तक नहीं मिली है, जबकि यह मीडिया से माध्यम से पता चला है। सीएम ने कहा कि अब इस मामले में क्या हो सकता है और राज्य शासन क्या कर सकती है इसके लिए विधि विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया है। सीएम ने कहा कि झीरम हमले में कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं की एक पूरी पीढ़ी सहित 31 लोगों को खोया है। इस हमले के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आनी ही चाहिए।

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