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हरियाणा चुनावों में प्रचार का शोर जोरों पर, क्या है ‘DUNKI’ मुद्दा, राहुल गांधी युवाओं के बीच क्यों कर रहे इसकी चर्चा

नई दिल्ली
हरियाणा चुनाव में प्रचार का शोर जोरों पर है। सत्तारूढ़ भाजपा से लेकर विपक्षी कांग्रेस के नेता हरियाणा के लोगों को अपनी तरफ खींचने के लिए एक से बढ़कर एक मुद्दे जनता के बीच लेकर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां कांग्रेस पर हमला बोलते हुए ‘खर्ची-पर्ची’ का मुद्दा उठाया है, वहीं लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा में बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाया है। वह चुनाव प्रचार के दौरान ऐसे युवाओं से मुलाकात कर रहे हैं जो बेरोजगार हैं या नौकरी के लिए अमेरिका जाने की चाहत में गलत रास्ते पर चले गए थे लेकिन सकुशल वापस लौट आए हैं। कई ऐसे परिवारों से भी मुलाकात की, जिनके बच्चे विदेशों में नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

करनाल के असंध में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने अपनी हालिया अमेरिका यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने हरियाणा के कुछ प्रवासियों से मुलाकात की जो बेहतर भविष्य की तलाश में वहां गए थे क्योंकि उन्हें अपने गृह राज्य में रोजगार के अवसर नहीं मिल पा रहे थे। गांधी ने कहा कि उन्होंने देखा कि टेक्सास के डलास में एक कमरे में हरियाणा के 15 से 20 युवक रह रहे थे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने उनसे पूछा कि वे अमेरिका कैसे पहुंचे और उन्हें पता चला कि अमेरिका पहुंचने के लिए उन्हें कजाकिस्तान और तुर्किये जैसे देशों के साथ-साथ दक्षिण अमेरिकी देशों और पनामा के जंगलों से होकर यात्रा करनी पड़ी। इसे डंकी रूट कहा जाता है। इस रूट में अक्सर माफिया उन्हें निशाना बनाते हैं। कई बार लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है और कई बार मौत तक हो जाती है।

क्या होता है डंकी रूट
यह विदेश तक पहुंचने का एक अवैध जुगाड़ है। पंजाब और हरियाणा के युवाओं में अमेरिका और कनाडा जाने और वहां बसने से लेकर नौकरी कर बहुत पैसा कमाने का एक अलग ही क्रेज है। इसलिए पढ़े लिखे युवा वहां हर हाल में जाना चाहते हैं। कुछ इसके लिए कुछ सही तो कुछ गलत रास्ता अख्तियार कर लेते हैं। जिन लोगों को अमेरिकी वीजा नहीं मिल पाता है, वे इसी तरह के बैकडोर मेथड से विदेश पहुंचने की कोशिश करते हैं। इनमें से अधिकांश को नाकामी हासिल होती है और कुछ लोग जो विदेश पहुंच जाते हैं, उन्हें इसके लिए कई देशों से भागते हुए मंजिल तक पहुंचना पड़ता है।

इसके लिए केवल एक देश का वीजा लिया जाता है। इसके बाद वहां पहुंचकर वह शख्स गायब हो जाता है। यानी कई देशों से होते-रुकते हुए चुपचाप अपनी मंजिल तक पहुंचता है। इस रूट से अमेरिका पहुंचे लोगों के परिजनों के मुताबिक, इसमें हर कदम पर परेशानी ही परेशानी है और कई बार मौत का भी सामना करना पड़ता है। मानव तस्कर इस रूट में संचालक की भूमिका में होते हैं, जो अवैध रूप से देशों की सीमाएं लांघने में मदद के बदले 50 से 85 लाख रुपये तक लेते हैं।

पंजाब में डंकी रूट एक दशक से भी ज्यादा समय से प्रचलित रहा है। यह पंजाबी शब्द डुंकी (DUNKI) से लिया गया है, जिसका अर्थ है एक जगह से दूसरी जगह कूदना। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा के अनुसार पिछले साल 96,917 भारतीयों को अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था, जबकि 2021 में यह संख्या 30,662 थी। यानी दो साल में यह संख्या तिगुनी से ज्यादा हो गई है।

राहुल क्यों कर रहे इसकी चर्चा?
राहुल ने हाल ही में अमेरिका से लौटने के बाद उन परिवारों से मुलाकात की जिनके बच्चे अमेरिका में कठिन स्थितियों में रह रहे हैं। उन्होंने दोनों की वीडियो कॉल से बात भी कराई। इसका वीडियो भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर साझा किया है। राहुल इसे बेरोजगारी से जोड़कर बता रहे हैं और अपनी सभी जनसभाओं में हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “यहां बेरोजगारी और महंगाई है।” उन्होंने कहा कि अमेरिका में मिले हरियाणा के युवाओं ने उन्हें बताया कि हरियाणा में उनके जैसे लोगों के लिए कुछ नहीं है, न रोजगार; न व्यापार।

राहुल हरियाणा में 10 साल के भाजपा शासन पर हमला बोल रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि यहां बेरोजगारी दर अधिक है। कांग्रेस का आरोप है कि हरियाणा की भाजपा सरकार विभिन्न विभागों में दो लाख रिक्त पद भरने में नाकाम रही है, इस वजह से यहां के युवा पलायन करने को मजबूर है। राहुल अग्निवीर योजना और किसानों की एमएसपी का भी जिक्र अपनी सभाओं में कर रहे हैं और इसके जरिए वह हरियाणा के युवाओं, किसानों और महिलाओं का साथ पाना चाह रहे हैं। हरियाणा की 17.1% जनसंख्या 10-19 वर्ष की आयु के बीच है, जबकि 46.4% आबादी 20-59 वर्ष के बीच है। पिछले 10 साल से कांग्रेस हरियाणा की सत्ता से दूर है। राज्य में 5 अक्तूबर को सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।

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