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सत्ता गंवाने वाली भाजपा ने कानून मंत्री की आड़ में बिहार में जंगलराज की वापसी का लगाया आरोप …

पटना। बिहार में सत्ता गंवाने वाली भाजपा की हालत खिसियाई बिल्ली खंबा नोचे के समान हो गई है। अब वह तरह तरह के आरोप प्रत्यारोप करने लगी है। इसी क्रम में बिहार में महागठबंधन की नई सरकार के गठन के तुरंत बाद कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह विवादों में आ गए। नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के 24 घंटे के भीतर ही बिहार में जंगलराज की वापसी के आरोप लगने लगे हैं। कार्तिकेय सिंह के खिलाफ किडनैपिंग केस में अरेस्ट वारंट निकला हुआ था, वे कोर्ट में पेश होने की बजाय मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। बीजेपी नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को बर्खास्त करने का दबाव भाजपाई बना रहे हैं।

बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्री इसलिए बनाया गया ताकि वे आरजेडी नेताओं के मुकदमों को रफा-दफा कर सकें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्री पद की शपथ दिलाने से पहले कार्तिकेय कुमार का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया। जो शख्स किडनैपिंग केस में फरार है, वो राजभवन में जाकर मंत्री पद की शपथ ले रहा है, इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या है।

एक दिन पहले ही मोदी ने कहा था कि नीतीश कैबिनेट में बाहुबलियों की भरमार है। मुख्यमंत्री ने बिहार में डरावने दिनों की वापसी सुनिश्चित कर दी है। राज्य में जंगलराज लौट रहा है। सुरेंद्र यादव, ललित यादव, रमाकांत यादव और कार्तिक कुमार जैसे विधायकों को मंत्री बनाया है, इनके नाम पर लोग कांपते हैं। इन पर यौन शोषण, मर्डर, आर्म्स एक्ट, अपहरण जैसे गंभीर केस दर्ज हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी साफ छवि के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में उन्होंने बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन का दामन थामा था। नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के नेता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के कार्यकाल को जंगलराज करार देते रहे। मगर अब सीएम नीतीश खुद आरजेडी के साथ सत्ता में हैं, तो उनके सामने चुनौती होगी कि वे अपनी सरकार पर जंगलराज का धब्बा लगने से बचाएं।

दूसरी ओर, बीजेपी नेताओं का कहना है कि नीतीश कैबिनेट में आरजेडी के दागी नेताओं का दबदबा है। नीतीश कुमार चाहकर भी कुछ नहीं कर सकते हैं। उनकी मजबूरी है और ये जारी रहेगी। वे दागी नेताओं के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकते हैं।

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