छत्तीसगढ़बिलासपुर

नामांतरण विवाद में बिलासपुर टॉप पर, राजस्व न्यायालयों में लंबित है सर्वाधिक केस, 14 जिलों के कुल से अधिक केस यहां …

बिलासपुर । कलेक्टर सौरभ कुमार ने विवादित नामांतरण के सर्वाधिक 98 मामले लंबित बताते हुए अतिरिक्त तहसीलदार कृष्ण कुमार जायसवाल को कारण बताओ नोटिस दिया। राजस्व अधिकारियों पर नाराजगी जताई। ऐसा करने के पीछे प्रमुख वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मिली शिकायतें और उनकी नाराजगी रही। वहीं हाल ही राजस्व मामलों के निराकरण नहीं करने पर उनका सख्त लहजा रहा।

नामांतरण के विवाद बिलासपुर जिले में सबसे ज्यादा हैं। यहीं वजह है कि विवादित नामांतरण के सर्वाधिक केस पूरे प्रदेश में बिलासपुर के राजस्व न्यायालयों में लंबित हैं। राज्य के एक, दो, तीन नहीं पूरे 14 जिलों में लंबित विवादित नामांतरण के केस को जोड़ दें तो उससे अधिक मामले बिलासपुर के कोर्ट में लंबित हैं। उसकी वजह ये है कि अधिकारी यहां पक्षकारों को तारीख पर तारीख देते हैं और मामला आगे खिसकता चला जाता है। विवादित नामांतरण की पेंडेंसी के मामले में बिलासपुर 6 माह पहले राज्य में दूसरे नंबर पर था, अब यह पहले नंबर पर है।

ज्यादा पेंडेंसी वाले जिले

बिलासपुर – 2254

रायपुर – 1999

सरगुजा – 1437

महासमुंद – 1294

जांजगीर-चांपा – 1184

सूरजपुर – 1132

दुर्ग – 1101

इन जिलों की कुल पेंडेंसी बिलासपुर से कम

सक्ति 480, गरियाबंद 323, बेमेतरा 323,सुकमा 25, सारंगढ़ बिलाईगढ़ 182, मोहला मानपुर चौकी 45, नारायणपुर 3,बीजापुर 6, खैरागढ़ छुईखदान गंडई 220, कोंडागांव 100, कांकेर 176, कबीरधाम 199, मुंगेली 402,मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर 248।

ऐसे मामले भी जिनमें 50 बार बढ़ाई जा चुकी है सुनवाई की तारीख

कोटा एसडीएम कोर्ट में माना बाई पिता स्व.तिजऊ विरुद्ध लम्मर पटेल पिता स्व.मोतिया के बीच विवादित नामांतरण का केस सितंबर 2018 से चल रहा है। तब से लेकर अब तक 50 बार तारीख दी जा चुकी है। कई बार पीठासीन के अधिकारी के व्यस्त होने की वजह से तारीख बढ़ाई गई तो अधिकांश बार अनावेदक के नहीं आने की वजह से तारीख बढ़ा दी गई। अगली सुनवाई की तारीख 8 फरवरी 2023 तय की गई है। 18 जनवरी 2023 को एसडीएम के व्यस्त होने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी थी।

35 बार दी गई तारीख तेलीबांधा रायपुर की छाया गुप्ता, धमतरी की आभा गुप्ता व विभा गुप्ता, भोपाल की मधु सोनी और वहीं की मंजू गोतेवाल के विवादित नामांतरण का केस जून 2018 से राजस्व न्यायालय में चल रहा है। वार्ड 12 के खसरा नंबर 107 की जमीन का मामला पेंडिंग है। अनावेदक बिलासपुर के आलोक व सत्यनारायण सर्राफ तो शंकरगढ़ के सुंदर, शैलेंद्र, विवेक व शालिनी तो बिलासपुर की शिखा हैं। पहली सुनवाई 2 जनवरी 2020 को हुई।

कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकारियों को विवादित नामांतरण के मामलों का तेजी से निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। सभी तेजी से मामलों का निराकरण करेंगे। शिथिलतापूर्वक कार्य करने पर राजस्व अधिकारियों को कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। – आरए कुरुवंशी, एडीएम बिलासपुर

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