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आयोडीन सप्ताह में गर्भवती महिलाओं को बताए गए फायदे …

राजनांदगांव (दीपक दुबे) । विश्व आयोडीन अल्पता विकार निवारण सप्ताह के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जिले भर में विविध आयोजन कर लोगों को शरीर में आयोडीन का महत्व तथा आयोडीन की अल्पता को नियंत्रित करने के उपाय बताए जा रहे हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं और शिशुओं में आयोडीन की कमी न हो, इसके लिए विशेष जोर दिया जा रहा है।

मोहला ब्लाक के गोटाटोला की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका व मितानिन इन दिनों विशेषकर गर्भवती महिलाओं को घर-घर पहुंचकर आयोडीन का महत्व बता रही हैं। गर्भवती महिलाओं को यह बात विशेष रूप से बताई जा रही है कि, गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी से गर्भपात, नवजात शिशुओं का वजन कम होना,शिशु का मृत पैदा होना और जन्म लेने के बाद शिशु की मृत्यु होना आदि हो सकते हैं। एक शिशु में आयोडीन की कमी से उसमें बौद्धिक और शारीरिक विकास समस्याएं जैसे मस्तिष्क का धीमा चलना, शरीर का कम विकसित होना, बौनापन, देर से यौवन आना, सुनने और बोलने की समस्याएं तथा समझ में कमी आदि हो सकती हैं।

स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग से मिले मार्गदर्शन के आधार पर गांवों में इस बात का भी प्रचार किया जा रहा है कि, शरीर में आयोडीन को संतुलित बनाने का कार्य थाइरोक्सिन हार्मोंस करता है जो मनुष्य की अंतस्रावी ग्रंथि थायराइड ग्रंथि से स्रावित होता है। आयोडीन की कमी से मुख्य रुप से घेंघा रोग होता है। साथ ही चेहरे पर सूजन, गले में सूजन (गले के अगले हिस्से में थाइराइड ग्रंथि में सूजन) थाइराइड की कमी (जब थाइराइड हार्मोन का बनना सामान्य से कम हो जाए) और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में बाधा वजन बढ़ना, खून में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ना और ठंड बर्दाश्त न होना जैसे अन्य रोग होते हैं।

इस संबंध में बीएमओ मोहला डा.एस.आर.कोवाची ने बताया, आयोडीन अल्पता विकार निवारण सप्ताह के तहत कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका व मितानिनों के द्वारा गांव-गांव में लोगों को आयोडीन का महत्व समझाकर आयोडीन की अल्पता को नियंत्रित करने के उपाय बताए जा रहे हैं। बैनर-पोष्टर के माध्यम से भी आयोडीन के महत्व समझाए जा रहे हैं। इस दौरान गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य को पहली प्राथमिकता में रखा गया है।

वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया, आयोडीन की जरूरत के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जिले भर में आयोडीन अल्पता विकार निवारण सप्ताह का आयोजन किया रहा है। इस अवसर पर विभिन्न माध्यमों से लोगों को आयोडीन के महत्व के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इस पूरे कार्यक्रम के संचालन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका व मितानिनों की भूमिका सराहनीय है, जो गर्भवती महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए गंभीरतापूर्वक घर-घर जाकर आयोडीन का महत्व बता रही हैं।

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