मध्य प्रदेश

बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के बीए का रिजल्ट 30%, बीएससी, बीकॉम के रिजल्ट भी पिछले सत्र से 20% से ज्यादा बिगड़े, 21 हजार स्टूडेंट्स सप्लीमेंट्री …

भोपाल। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत फर्स्ट ईयर के रिजल्ट जारी हो चुके हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार बनी नई स्कीम ऑफ एग्जामिनेशन का असर रिजल्ट पर भी पड़ा है और बहुत सारे छात्रों का भविष्य पर असर पड़ा है। इस बार बीए का रिजल्ट 30.59 % ही रहा। कुल 33 हजार 814 विद्यार्थियों में से 21 हजार 708 को सप्लीमेंट्री आई है। यानी 64% स्टूडेंट्स को किसी न किसी पेपर की दोबारा से परीक्षा देनी होगी।

बीएससी का रिजल्ट भी अच्छा नहीं रहा। यह 51.52% रहा और 44.03% स्टूडेंट्स को सप्लीमेंट्री आई है। इसी तरह बीकॉम का रिजल्ट का रिजल्ट 63.95% रहा, 32.79% स्टूडेंट काे सप्लीमेंट्री प्राप्त हुई। खास बात यह है कि यह रिजल्ट तब इस तरह सामने आया है जब इंटरनल के 30 अंक और थ्योरी एग्जाम के 70 अंक को मिलाकर कुल 100 में से 35% पासिंग मार्क्स तय किए गए। विवि स्तर पर इसकी समीक्षा की जा रही है। प्रारंभिक रूप से यह सामने आया है कि फाउंडेशन कोर्स में ज्यादा विद्यार्थी फेल हुए हैं। लगभग 65% फाउंडेशन कोर्स के पेपर में फेल हुए हैं। जबकि इसके दोनों पेपर में अलग-अलग पास होने की बाध्यता नहीं थी। पास होने के लिए दोनों को मिलाकर 100 में से 35 मार्क्स लाने थे।

स्टूडेंट्स को मार्कशीट दिखाई तो आर्डिनेंस का होगा उल्लंघन

कुछ कॉलेजों और विवि ने ग्रेड शीट के साथ मार्क्स भी दिखाने का अनुरोध उच्च शिक्षा विभाग से किया था। इसको लेकर 12 अक्टूबर को हुई बैठक में ओएसडी धीरेंद्र शुक्ल ने कहा कि आर्डिनेंस के अनुसार विद्यार्थियों को रिजल्ट की ग्रेड-शीट ही दिखानी हैं। मार्कशीट उपलब्ध कराई तो आर्डिनेंस का उल्लंघन होगा।

इसलिए बिगड़ा रिजल्ट

इस बार विद्यार्थियों से ओएमआर शीट से ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्न के उत्तर देने थे। विद्यार्थियों ने एक ही प्रश्न के एक से अधिक जवाब दिए और जवाब देकर उसे काट दिया। इसलिए रिजल्ट बिगड़ गया।

नाराजगी की वजह : पता नहीं चल रहे मार्क्स

रिजल्ट तो बिगड़ा ही है, लेकिन इस बार विद्यार्थियों को मार्कशीट के स्थान पर प्रोविजनल ग्रेड-शीट दी गई है। जिसमें विद्यार्थियों को यह पता नहीं चल रहा है कि उन्हें किस पेपर में कितने अंक मिले हैं। कॉलेज प्रबंधन भी उन्हें समझा नहीं पा रहे हैं। जिस भी पेपर में 35% कम अंक मिले हैं, उसमें ग्रेड के अनुसार शून्य लिखा है। वहीं विद्यार्थियों का कहना है कि उन्हें पता तो चलना चाहिए कि संबंधित पेपर में वे कितने नंबर से फेल हुए हैं। वहीं जो पास भी हुए हैं, उन्हें यह नहीं पता चल पा रहा है कि उन्हें कितने मार्क्स मिले हैं।

छात्रों से गलतियां हुई हैं – कुलपति

प्रारंभिक रूप से जो समीक्षा की गई है उसमें यह समाने आया कि फाउंडेशन कोर्स का रिजल्ट ठीक नहीं रहा है। इसकी परीक्षा ओएमआर आधारित थी। इसमें उत्तर दर्ज करते समय छात्रों से गलतियां हुई हैं। रिजल्ट की विस्तृत समीक्षा की जा रही है। आगे स्टूडेंट्स को ओएमआर आधारित परीक्षा के लिए कॉलेज स्तर पर ट्रेनिंग दिलाई जाएगी।

– प्रो. एसके जैन, कुलपति, बीयू

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