रायपुर

अजीत जोगी ने मुख्यमंत्री बघेल से किया अनुरोध, कहा- अनीता सोनी यदि डिप्टी कलेक्टर बनना चाहे तो उसे मौका दिया जाए

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री और लंबे समय तक IAS रहे अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ पीएससी की परीक्षा में टॉप किए अनीता सोनी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अनुरोध किया है कि अनीता यदी चाहे तो उसे लेखाधिकारी के बदले डिप्टी कलेक्टर का पद दिया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ पीएससी में स्वयं की प्राथमिकता के हिसाब से अवसर मिलता है। अनीत सोना ने अपनी पहली प्राथमिकता लेखा अधिकारी को दी है। ऐसे में UPSC की तरह प्राथमिकता बदलने का मौका छत्तीसगढ़ पीएससी में भी दिया जाना चाहिए।

मालूम हो कि छत्तीसगढ़ पीएससी के परिणाम आए हैं। उसमें अनीता सोनी ने संयुक्त रूप से प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने अपनी प्राथमिकता छत्तीसगढ़ पीएससी को इस तरह से दी थी। पहली प्राथमिकता उन्होंने लेखाधिकारी को दिया। फिर दूसरी प्राथमिकता डिप्टी कलेक्टर, फिर वाणिज्यकर अधिकारी, सहायक पंजीयक, सहायक संचालक पंचायत सहित कुल आठ प्राथमिकताएं अनीता ने दी थी। चूंकि उन्होंने पहली प्राथमिकता लेखा अधिकारी को दिया, इसलिए इस पद पर उनका चयन होना तय है।

इसी संदर्भ में IAS रहे अजीत जोगी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘पूर्ण कालिक नौकरी करते हुए भी अनीता सोनी ने हजारों छात्रों के बीच PSC में छत्तीसगढ़ में टॉप  किया है। मैं उसको बहुत बहुत बधाई देता हूँ। साथ ही ये भी कहना चाहूंगा कि अनीता ने लेखा अधिकारी अपनी प्राथमिकता दी है पर अगर वो चाहे तो उसको डिप्टी कलेक्टर का पद दिया जाना चाहिए। मैं जब UPSC बैठा था तो ऐसा नियम था कि एक सप्ताह में अपनी प्राथमिकता रिजल्ट निकलने के बाद बदली जा सकती थी। जब मैं 1969 के UPSC में परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ तो मैनें भूल से अपनी प्राथमिकता इंडियन फोरेन सर्विस (IFS) दे दी थी और मुझे एक सप्ताह का समय UPSC ने दिया कि अपनी प्राथमिकता बदल लें। मैंने अपनी प्राथमिकता बदली और इंडियन फोरेन सर्विस (IFS) कि जगह इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (IAS) लिया और फिर मुझे (IAS) में लंबी सेवा करने का अवसर मिला। मैं चाहता हूँ कि अनीता सोनी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिये। उसको भी प्राथमिकता बदलने का अवसर PSC को देना चाहिए और अगर वो चाहे तो डिप्टी कलेक्टर का पद उसको मिलना चाहिऐ। जो टॉप करे उसको भी डिप्टी कलेक्टर का पद न मिले ये बहुत बड़ा अन्याय होगा। मैं मुख्यमंत्री से भी अनुरोध करता हूं कि अगर PSC में ऐसा नियम नहीं है, तो प्राथमिकता बदलने का नियम तत्काल बना दिया जाना चाहिये।’

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