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मुंबई और पुणे में मजदूरों का पेट भर रही स्वयंसेवी संस्था एड एट एक्शन …

मुंबई {संदीप सोनवलकर } । लाकडाउन में फंसे मजदूरों के सामने पेट भरने की समस्या दिनों दिन विकराल होती जा रही है ऐसे में स्वयंसेवी संस्था एड एट एक्शन लगातार मजदूरों को पेट भरने की व्यवस्था कर रहे हैं। महाराष्ट्र में संस्था की प्रमुख रश्मि प्रसाद के अनुसार मुंबई और पुणे दोनों में ही मजदूरों के हाल सबसे खराब है क्योंकि यहां के व्यावसायिक संस्थान पूरी तरह बंद हैं ऐसे में संस्था इन मजदूरों के घर तक किराना पहुंचाकर मदद कर रही है। हर किराना पैकेट की कीमत 400 रुपये तक आती है और हर रोज डेढ सौ से दौ घरों तक ये मदद दी जा रही है।

इन किराना पैकेट में आटा, दाल, चावल, नमक, तेल और शक्कर के पैकेट दिये जा रहे हैं। लाकडाउन में इनके वितरण में कठिनाईयां आ रहीं हैं। इसके साथ मास्क और साबुन भी दिये जा रहे हैं ताकि सफाई और बचाव का ख्याल किया जा सके।

एड एट एक्शन संस्था की दक्षिण एशिया प्रमुख डा ऐश्वर्या महाजन के अनुसार कोविड 19 का सबसे ज्यादा असर गरीबों पर हुआ है। काम बंद होने से उनके घरों का चूल्हा बंद होने की नौबत आ गयी है ऐसे में आई लीड कार्यक्रम के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा रही है।

मालाड की परवीन शेख ने कहा कि काम नहीं होने का कारण हम पर भूखे रहने की नौबत आ गयी थी लेकिन इस संस्था की मदद के कारण हमको बहुत संबल मिला है। हम जल्दी से जल्दी काम पर लौटना चाहते हैं।

एड एट एक्शन अब तक मुंबई में करीब 1500 और पुणे के 350 स्वयंसेवकों को आई लीड कार्यक्रम के तहत ट्रेनिंग दे चुकी है ताकि वो समाज में बदलाव लाने में मदद कर सके। ये पुणे के दत्तावाडी में करीब 150 कामकाजी बच्चों की पढाई का भी इंतजाम करती है।

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