मध्य प्रदेश

शिवराज के बाद कैलाश विजयवर्गीय भी भाजपा संगठन से किनारे, यूपी के बड़े दलित नेता को बनाया एमपी का सह प्रभारी …

भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को राज्यों के प्रभारी और सह प्रभारियों के नामों की घोषणा कर दी है। इसमें भाजपा अध्यक्ष नड्डा के करीबी माने जाने वाले कैलाश विजयवर्गीय को कहीं जगह नहीं मिली है। पिछले माह ही विजयवर्गीय को प. बंगाल के प्रभारी पद से भी हटा दिया था। इस सूची में कैलाश ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के किसी भी नेता को शामिल नहीं करने पर कई तरह की कयास लगाए जा रहे हैं।

इधर, मध्यप्रदेश के प्रभारी के तौर पर पी. मुरलीधर राव और सह प्रभारी पंकजा मुंडे को बरकरार रखते हुए इटावा से भाजपा के सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को भी सह प्रभारी नियुक्त किया गया है। राजनीतिक हलकों में इस नियुक्ति को अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियों से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को फिलहाल किसी भी राज्य का जिम्मा नहीं दिया गया है। जबकि पिछले माह ही उनसे पश्चिम बंगाल का प्रभार भी छीन लिया था। अब कैलाश विजयवर्गीय सिर्फ राष्ट्रीय महासचिव रह गए हैं। शुक्रवार शाम को जारी हुई भाजपा की लिस्ट में उत्तर प्रदेश के इटावा से सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को मध्यप्रदेश का सह प्रभारी बनाया है। मध्यप्रदेश में भाजपा के संगठन प्रभारी के रूप में पी. मुरलीधर राव और सहप्रभारी पंकजा मुंडे भी हैं।

उत्तरप्रदेश के प्रभावी दलित नेता हैं कठेरिया

प्रोफेसर डॉ. रामशंकर कठेरिया यूपी के प्रभावी दलित नेता माने जाते हैं। वे मूलतः इटावा जिले के नागरिया गांव के रहने वाले हैं। डॉ. कठेरिया अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन और आगरा से दो बार सांसद रह चुके हैं। डॉ. कठेरिया आरएसएस के प्रचारक के रूप में काम कर चुके हैं। 6 जुलाई 2016 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए थे।

शिवराज भी हो चुके हैं बाहर

इससे पहले अगस्त में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी केंद्रीय चुनाव समिति और संसदीय बोर्ड से बाहर कर दिया था। उनके स्थान पर उज्जैन से सांसद रहे सत्यनारायण जटिया को शामिल किया गया था। अब कैलाश विजयवर्गीय को राज्य प्रभारियों की सूची से बाहर का रास्ता दिखा देने के बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाओं ने पुन: जोर पकड़ लिया है।

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