लखनऊ/उत्तरप्रदेश

आदिवासी, ओबीसी या दलित… उत्तर प्रदेश के अगले अध्यक्ष के तौर पर किसपर भरोसा जताएगी बीजेपी …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के इस्तीफे की खबर के बीच अगले बीजेपी अध्यक्ष को लेकर चर्चा तेज हो गई है। अगला बीजेपी अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है जो इन हालातों में यूपी बीजेपी की कमान संभालेगा पार्टी वही 2024 लोकसभा चुनावों में भी यूपी में पार्टी का नेतृत्व करेगा। वर्तमान यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं और अब योगी मंत्रीमंडल में शामिल हैं।

स्वतंत्र देव सिंह के मंत्री बनने के चार महीने बाद भी बीजेपी अगला प्रदेश अध्यक्ष तय नहीं कर पा रही है इसके पीछे ये कारण माना जा रहा है कि पार्टी ब्राह्मण या ओबीसी चेहरे के साथ जाने के अपने सभी विकल्पों को तोल रही है। पार्टी में एक मत ये है कि बीजेपी अध्यक्ष कोई ब्राम्हण नहीं होना चाहिए क्योंकि पमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ब्राह्मण हैं और मुख्यमंत्री भी ठाकुर जाति से हैं जो ऊंची जाति है। पार्टी का एक धड़ा लगातार आवाज उठा रहा है कि संगठन में दलित और ओबीसी का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व को ओबीसी या दलित को यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनाना चाहिए।

स्वतंत्र देव सिंह कुर्मी जाति से आते हैं इसलिए माना जा रहा है कि पार्टी किसी दलित या ओबीसी अथवा आदिवासी से ही किसी को अगला प्रदेश अध्यक्ष चुनेगी ताकि बैलेंस बना रहे। दूसरी तरफ पार्टी लोकसभा चुनाव को भी ध्यान में लेकर चल रही है। पिछले लोकसभा चुनाव हों या फिर हाल ही में खत्म हुए विधानसभा चुनाव, ओबीसी ने बीजेपी का समर्थन किया था। ऐसे में पार्टी ये भी देखते हुए चलेगी कि ओबीसी वोट बीजेपी के साथ बने रहें। उत्तर प्रदेश की कुल आबादी में ओबीसी की 40 फीसदी हिस्सेदारी है। माना जाता है कि गैर-यादव ओबीसी के लगभग 58 प्रतिशत ने 2017 में भाजपा को वोट दिया था, यह हिस्सा 2022 में लगभग 65 प्रतिशत तक जाने का अनुमान है। इन सब बातों के अलावा यूपी बीजेपी का अगला अध्यक्ष चुनते हुए बीजेपी इस बात का भी ख्याल रखेगी कि नए अध्यक्ष की संगठनात्मक मामलों पर पकड़ मजबूत हो।

यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष के तौर पर दर्जनभर नाम शामिल हैं लेकिन जिनका नाम सबसे आगे चल रहा है उनमें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम सबसे आगे है। उनके अलावा पूर्व डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा, कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र चौधरी, सांसद सुब्रत पाठक, रामशंकर कठेरिया, दिनेश उपाध्याय, ब्रज बहादुर, विनोद सोनकर सहित अन्य नाम भी इस दौड़ में शामि हैं।

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