नई दिल्ली

लश्कर, जैश पर हो एक्शन : आतंकवाद पर अजीत डोभाल ने साफ कर दी भारत की मंशा …

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गुरुवार को ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य राष्ट्रों के उच्च सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में शामिल हुए। सदस्य देशों के एनएसए की एससीओ बैठक के दौरान अजीत डोभाल ने पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर और जैश के खिलाफ एक्शन लेने की कार्य योजना बनाने पर बल दिया। डोभाल ने साफ तौर पर कह दिया कि एससीओ को पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों पर एक्शन लेना ही होगा। इतना ही नहीं, उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर उस पर हमला बोला और कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने पर जोर दिया।

सूत्रों के हवाले से कहा कि बैठक के दौरान अजीत डोभाल ने शंघाई सहयोग संगठन के ढांचे के हिस्से के रूप में आतंकी संगठन लश्कर और जैश के खिलाफ कार्य योजना का प्रस्ताव रखा। अजीत डोभाल ने एससीओ और एफएटीएफ के बीच एक समझौता ज्ञापन सहित आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को अपनाने पर जोर दिया।

सूत्रों ने आगे कहा कि डोभाल ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों की कड़ी निंदा की। अजीत डोभाल ने कहा कि सीमा पार आतंकवादी हमलों सहित आतंकवाद के अपराधियों को शीघ्रता से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ लक्षित प्रतिबंधों के पूर्ण कार्यान्वयन की आवश्यकता है।

इतना ही नहीं, ताजिकिस्तान के दुशांबे में एनएसए की एससीओ बैठक में डोभाल ने हथियारों की तस्करी और डार्क वेब, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन और सोशल मीडिया के दुरुपयोग के लिए ड्रोन सहित आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नई तकनीकों की निगरानी की आवश्यकता पर संदेश दिया।

बता दें कि ताजिकिस्तान वर्तमान में एससीओ का अध्यक्ष है। वह 23 तथा 24 जून को आठ सदस्य देशों के उच्च राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों की बैठक की मेजबानी कर रहा है। पाकिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ और अफगान एनएसए हमदुल्ला मोहीब भी बैठक में शामिल हो रहे हैं।

इससे पहले बुधवार को ताजीकिस्तान में भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया था एनएसए अजीत डोभाल ने एससीओ सदस्य देशों के सुरक्षा परिषद सचिवों की 16वीं बैठक में हिस्सा लिया। जानकारी के अनुसार, डोभाल और यूसुफ के बीच मुलाकात की कोई गुंजाइश नहीं है।

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