सरपंचों को सम्मान के साथ अधिकारों का उपयोग करने की जानकारी दें : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
सम्मेलन ऐसा हो कि जन-प्रतिनिधि आनंदित होकर वापस जाएं, मुख्यमंत्री ने की सरपंच सम्मेलन तैयारियों की समीक्षा
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सरपंच सम्मेलन में जन-प्रतिनिधियों को ऐसी जानकारी दी जाए, जिससे वे सम्मान के साथ अपने अधिकारों का उपयोग कर सकें। कार्यक्रम में आने वाले जनता द्वारा चुने गए जन-प्रतिनिधि आनंदित होकर वापिस जाएँ, साथ ही उत्साह और उमंग के साथ क्षेत्र में कार्य कर सकें। मुख्यमंत्री श्री चौहान निवास पर आगामी 7 दिसम्बर को सरपंच सम्मेलन तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, लोक निर्माण राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जनता द्वारा चुने गए जन-प्रतिनिधियों को प्रभावशाली बनाने के लिए कार्यक्रम में हमारी ओर से पूरी कोशिश हो। उन्होंने कहा कि सम्मेलन में मैं भी सरपंचों से रू-ब-रू होऊंगा। कार्यक्रम में नव निर्वाचित सरपंचों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण प्रशिक्षण भी होगा। इसके अलावा सरपंचों को पंचायतों के नवाचार संबंधी वीडियो फिल्म भी दिखाई जाएगी। उन्होंने निर्देश दिये कि मध्यप्रदेश की त्रि-स्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था में ग्राम पंचायत सरपंच की भूमिका एवं कार्यों की विस्तृत जानकारी दी जाए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अन्य कार्यों की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवर योजना में मध्यप्रदेश आदर्श राज्य बने। उन्होंने 2500 अमृत सरोवर के लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारी करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने 16 दिसम्बर को नव निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के लिए होने वाले राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जन-प्रतिनिधि हमारी ताकत हैं। नवनिर्वाचित जन-प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम बेहतर होना चाहिए।