मध्य प्रदेश

मुआवजे की मांग को लेकर 46 दिन से हाईटेंशन टावर में 80 फीट उंचाई पर लटक रहे 24 किसान

टॉवर पर चढ़ने वाले किसानों में पूर्व सरपंच व रिटायर्ड थानेदार भी हैं शामिल, एफआईआर दर्ज होने के बावजूद नीचे उतरने को तैयार नहीं आंदोलनकारी

सतना। खेत से गुजरी हाइटेंशन टावर लाइन के लिए किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। मुआवजे की मांग को लेकर 45 दिन से टावर में चढ़े रामनाथ कोल व अन्य छह किसानों के समर्थन में अब तक उचेहरा, नागौद एवं मैहर क्षेत्र के 9 हाइटेंशन टावरों में 24 किसान चढ़ चुके हैं। जिन्हें उतारने समझाइस के साथ पुलिस प्रशासन द्वारा एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है। लेकिन किसान उतरने को तैयार नहीं हैं।

साल के आखरी दिन मैहर क्षेत्र के सीमाई गांव सारंग में मुआवजे की मांग को लेकर गांव के पूर्व सरपंच व रिटायर्ड थानेदार राघवभान सिंह परिहार भी अन्य चार किसानों के साथ टावर पर चढ़ गए। कड़के की ठंड के बीच 80 फीट उचाई पर खटिया टांग कर अनशन पर बैठे 72 वर्षीय राघवभान ने कहा की 62 साल की उम्र तक वर्दी पहनकर देशभक्ति और जन सेवा की। आठ साल सरपंच रहकर गांव का विकास किया और अब समय आ गया है किसानों की लड़ाई लड़ने का। उन्होंने कहा की पावर ग्रिड व सरकार क्षेत्र के सिकानों के साथ अन्याय कर रही है। जिन किसानों को उनकी जमीन के बदले आज तक एक रुपए मुआवजा नहीं मिला। पावर ग्रिड द्वारा शोषित उन किसानों में मैं और मेरी पत्नी भी शामिल हैं। मेरे खेत से दो टावर गुजरे है लेकिन कंपनी मुआवजा नहीं दे रही।

पुलिस प्रशासन की मुश्किल बढ़ी

मुआवजे के लिए टावर पर चढ़ रहे किसानों ने पुलिस प्रशसन की मुश्किल बढ़ा दी है। पुलिस प्रशासन की सख्ती में बीच विगत 15 दिन में 18 किसान टावर पर चढ़ चुके है जबकी 9 किसान 15 नवंबर से टावर पर चढ़े हुए हैं। टावर पर चढ़कर आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को वीडियों वायरल करते हुए कहा मुआवजे के लिए किसानों की यह अंतिम ओर निर्णायक लड़ाई है। अब बिना मुआवजा लिए एक भी किसान टावर से नीचे नहीं उतरेगा। नए साल में भी किसान आंदोलन लगातार जारी रहेगा। यदि सरकार ने मुआवजे को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया तो पावर ग्रिड के हर टावर पर किसानों का डेरा होगा।

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