मध्य प्रदेश

विहिप की इंदौर बैठक में मजहबी कट्टरता के खिलाफ प्रस्ताव पारित

केंद्रीय अध्यक्ष बोले- इसके दुष्परिणामों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बनाने की जरूरत

इंदौर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की प्रयानसी मंडल व प्रबंध समिति की तीन दिवसीय बैठक मजहबी कट्टरता को परास्त करने के संकल्प के साथ समाप्त हो गई। परिषद  के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि इस्लाम के एक बड़े वर्ग द्वारा जिहाद के नाम पर हिंसा, लूटपाट, बलात्कार व हत्याओं को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मजहबी कट्टरता के दुष्परिणामों से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बनानी होगी। साथ ही इस कट्टरता का बौद्धिक सामाजिक व राजनीतिक स्तर पर मुकाबला करना आवश्यक है।

विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष ने मीडिया से चर्चा में बैठक में पारित हुए प्रस्ताव की जानकारी देते हुए बताया कि तीन दिनों चली परिषद की बैठक में मजहबी कट्टरता के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों देशभर में जो घटनाएं सामने आ रही है, उसको देखते हुए विश्व हिंदू परिषद का मानना है कि ऐसी मनोवृति पर रोक लगनी चाहिए। साथ ही इसका मुकाबला परिषद हर स्तर पर करेगा। उन्होंने लव जिहाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसके खिलाफ विहिप के अनुषंगी संगठन अपने स्तर पर देश भर में जागरूकता अभियान चला रहे हैं। हालांकि, देश में लव जिहाद को लेकर कड़े कानून की भी आवश्यकता है। कई देशों ने लव जिहाद को लेकर सख्त कानून बनाए हैं।

ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित

वहीं, आलोक कुमार ने ईसाई मिशनरियों द्वारा किए जा रहे धर्मांतरण के खिलाफ भी प्रस्ताव पारित करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि ईसाई समाज के लोग पैसा और पद का प्रलोभन देकर गरीब लोगों को धर्म परिवर्तन करने के लिए मजबूर करते हैं, लेकिन जो व्यक्ति दिल से अन्य धर्म को नहीं अपनाता, तब तक उसका धर्म परिवर्तन मायने नहीं रखता है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश भर के मदरसों में धार्मिकता के साथ आधुनिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए, ताकि मदरसों में भी निकलने वाले बच्चे कट्टरता की ओर न जाते हुए विकास और रोजगार से जुड़े। इस दौरान केंद्रीय कार्याध्यक्ष ने देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की भी केंद्र सरकार से मांग की।

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