मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में शुरू की जाएंगी 226 नई स्वास्थ्य संस्थाएं : मंत्री डॉ. चौधरी

मंत्री बोले- स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में है मध्यप्रदेश

भोपाल। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि इस वर्ष प्रदेश में 226 नई स्वास्थ्य संस्थाएँ शुरू की जायेंगी। ऐसे ग्रामीण क्षेत्र, जहाँ अभी स्वास्थ्य संस्थाएँ नहीं हैं, वहाँ प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य संस्था शुरू की जायेगी। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और सिविल अस्पताल शामिल रहेंगे। मंत्री डॉ. चौधरी सोमवार को आत्म-निर्भर हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर्स पर केन्द्रित कार्यक्रम के उद्घाटन-सत्र को संबोधित कर रहे थे। आत्म-निर्भर हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स मध्यप्रदेश स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ कर प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का संकल्प और आदर्श हेल्थ एण्ड वेलनेस पद्धति के विमोचन कार्यक्रम को टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था कलेक्टिव्स फॉर इंटीग्रेटेड लाइवली हुड इनिशिएटिव्स द्वारा आयोजित किया गया।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप में स्वास्थ्य को प्राथमिकता पर रखा है। स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के लिये निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में एक लाख 50 हजार हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स बनाये जा रहे हैं। इसमें से मध्यप्रदेश में 10 हजार से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स बनाने के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया जा चुका है। मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि प्रदेश ने रिकॉर्ड साढ़े 3 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बना कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि उप स्वास्थ्य केन्द्रों को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के रूप में विकसित कर आवश्यक जाँचें और 97 प्रकार की दवाइयाँ नि:शुल्क दी जा रही हैं। इन केन्द्रों पर प्रशिक्षित सीएचओ द्वारा उपचार दिया जा रहा है। एनसीडी क्लीनिक पर शुगर, बीपी आदि की जाँच कर समय पर उपचार उपलब्ध करवाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों को सुदृढ़ किया जा रहा है। सम्पूर्ण कायाकल्प अभियान से अस्पतालों में जरूरत के उपकरण और मरम्मत आदि के कार्य करवाये गये हैं। प्रदेश में निजी अस्पतालों को आयुष्मान योजना में इनपेनल्ड किया गया है। आयुष्मान कार्डधारी नागरिक एक वर्ष में 5 लाख रूपये तक का उपचार निजी अस्पतालों में प्राप्त कर सकते हैं। शासकीय अस्पतालों में भी उन्हें उपचार प्राप्त करने की सुविधा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर कार्य किया है।

स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने कहा कि प्रदेश में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स की देश में सबसे अच्छी स्थिति है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को विस्तार देने के लिये पिछले वर्ष स्वास्थ्य का बजट बढ़ाया गया। नई स्वीकृत स्वास्थ्य संस्थाओं में भवन, उपकरण और स्टॉफ की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई गई है। एमडी एनएचएम श्रीमती प्रियंका दास ने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स पर प्रेजेंटेशन दिया। एनएचआरसी के ईडी मेजर जनरल अतुल कोटवाल और टाटा ट्रस्ट के डायरेक्टर अरुण पांधी ने बताया कि मध्यप्रदेश शासन और टाटा ट्रस्ट ने प्राथमिक सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिये हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथेनिंग कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम में आदर्श एचडब्ल्यूसी पद्धति का विमोचन और प्रदेश के आदर्श हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स के अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।

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