छत्तीसगढ़बिलासपुर

बिलासपुर की 3 खदान के लिए 2 हजार 122 आवेदन, रसूखदार चाहते हैं अरपा पर कब्जा, रेत ठेके के लिए नेता-कारोबारियों की भारी भीड़ …

बिलासपुर । जिले के तीन रेत के घाटों के लिए गुरुवार को देर रात तक टेंडर फार्म भरा गया। देर शाम होने के बाद आवेदन जमा करने वालों को टोकन देना पड़ा। इसके बाद भी देर रात तक लोग आवेदन जमा करते रहे। खनिज विभाग का अमला पूरी रात टेंडर फार्म की एंट्री करते रहे। सुबह तक दो हजार 122 फार्म की एंट्री की गई। इन लोगों ने अमलडीह, लक्षनपुर, और उदईबन्द रेत घाट के लिए आवेदन किया है, जिससे खनिज विभाग को करीब दो करोड़ 10 लाख रुपए का राजस्व मिला है।

बिलासपुर में रेत खदान का ठेका भी अब शराब ठेके की तरह बहुत लाभ का हो गया है। रेत खदान के लिए कई रसूखदार अपने लोगों के माध्यम से आवेदन पत्र जमा कर रहे हैं। स्थिति यह है कि जिले में सिर्फ तीन खदानों के लिए दो हजार से अधिक आवेदन जमा किए। इसमें शराब ठेकेदार के साथ कांग्रेस नेता और जमीन कारोबारी भी शामिल हैं। शुक्रवार को खनिज विभाग ठेके के लिए निविदा खोलने की तैयारी में था। लेकिन, इतने ज्यादा फार्म आ गए कि उन्हें एंट्री करने का मौका नहीं मिला। लिहाजा, अब शनिवार को निविदा खोली जाएगी।

देर रात तक आवेदन जमा करने वालों की कलेक्ट्रेट में भीड़ लगी हुई थी। इधर, शुक्रवार सुबह से निविदा खुलने की उम्मीद से रेत ठेकेदार और आवेदन पत्र जमा करने वालों की भीड़ पहुंच गई थी। लेकिन, आवेदन पत्रों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि विभागीय अमला उसे एंट्री नहीं कर पाए थे। लिहाजा, शुक्रवार को खुलने वाले टेंडर को शनिवार के लिए टालना पड़ गया। अब शनिवार सुबह 10.30 बजे निविदा खोली जाएगी।

बताया जा रहा है कि रेत खदान के लिए जितने भी आवेदन मिले हैं, उसमें आधे से अधिक आवेदन पूर्व शराब ठेकेदारों ने डलवाए हैं। इसी तरह कांग्रेस नेता और जमीन कारोबार से जुड़े लोगों में भी रेत ठेका लेने के लिए होड़ मची है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि, एक को ठेका न मिले तो अपने किसी दूसरे लोग को मिल जाए। अमलडीहा, उदईबंद और लक्षनपुर घाटों को ठेके पर देने के लिए गुरुवार को फॉर्म जमा करने का अंतिम दिन था।

रेत घाट में अवैध कमाई को देखते हुए इस बार प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। पिछली बार जिले के 22 रेत घाट के लिए 1600 आवेदनपत्र जमा किए गए थे। जबकि, इस बार महज तीन रेत घाट के लिए दो हजार से अधिक आवेदन पत्र जमा किए गए हैं। रसूखदार, शराब कारोबारी और नेता हर हाल में रेत घाट का ठेका लेने के लिए कोशिश में जुटे हैं। यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों से आवेदन पत्र जमा कराया जा रहा है।

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