लेखक की कलम से

दमदार शख़्सीयत, रजनी चांडी…….

मैं स्त्री हूँ अपनी शर्तों पर जीने वाली, उपर से उम्र दराज़ भी पर उम्र मेरे लिए महज़ अंक है,
साठ पार को सीमा न समझो उम्र का काम है बहना,
है अगर दिल जवाँ तो कौन मानता है उम्र का कहा, बुना है अपना वितान खुद अपने हाथों से मैंने, फिर रश्क क्यूँ तुम्हें मेरी आज़ादी पर इतना।
ये चंद पंक्तियाँ मेरी ओर से उस बिंदास और हिम्मत वान शख़्सीयत को समर्पित जिसने हाल ही में 69 साल की उम्र में ग्लैमरस और बिंदास अंदाज़ में फोटोशूट करवाया।
जी बिलकुल सही पहचाना हम बात कर रहे है मलयालम अभिनेत्री “रजनी चांडी” की जो फिल्म ‘ओरु मुथसी गढ’ में लीलाम्मा का किरदार निभाने के लिए मशहूर हैं। बेशक हर वक्त कलरफुल साड़ी में खुद को सहज कर रखने वाली औरत का बिंदास अंदाज़ ज़माने की आँखों में इर्ष्या की किरकिरी भर गया है।
कुछ लोग ऐसे हैं जो 69 की उम्र में उनके द्वारा अपनाए गए ऑउटफ़िट का मजाक उड़ा रहे है, कोई हंसने वाले इमोजी कमेंट बॉक्स में डाल रहा है तो कोई उन्हें आंटी कह कर संबोधित कर रहा है, कुछ लोग तो गुस्से वाले इमोजी भी बना रहे हैं। कोई उन्हें लेडी बॉन्ड कह रहा है तो कोई सुपर से भी ऊपर, मगर कई सारे लोग उनके सपोर्ट में भी आए हैं। सोशल मीडिया पर रजनी चांडी की तस्वीरें खूब छाई हुई है। मैं ये कहूँगी की हर इंसान के भीतर अपने शौक़, अपनी इच्छा, और ज़िंदगी जीने के तौर तरीके पलते है। तो क्या हुआ की उनसठ साल की हो चुकी है। क्या कुछ उम्र के बाद इंसान इंसान नहीं रहता, मन मन नहीं रहता। कौनसे ग्रंथ में लिखा है की कुछ उम्र के बाद इंसान को अपने शौक़ मार देने चाहिए, या दो वक्त रोटी खाकर हाथ में माला लेकर भजन कीर्तन ही करना चाहिए। हमें एक महिला की हिम्मत की सराहना करनी चाहिए।
फ़ोटोग्राफर अथिरा जॉय को रजनी चांडी का फ़ोटोशूट करने का विचार आया, अथिरा ने कहा कि उसे रजनी ने किस तरह आकर्षित किया, उसने कहा वह मेरी माँ से कितनी अलग है, अक्सर भारतीय महिलाएँ शादी के बाद अपना जीवन एक घरेड़ में घसिटते व्यतीत करती हैं, और परिवार के पालन-पोषण में ही व्यस्त हो जाती हैं। 60 तक पहुँचने के बाद अधिकांश महिलाएं रंगीन जीवन का त्याग कर देती हैं। वे अपने पोते-पोतियों के लिए नानी या दादी ही बनकर रह जाती हैं। “लेकिन रजनी अलग है” वह खुद का ख्याल रखती है, वह फिट है, वह बोल्ड है, वह सुंदर है, वह फैशनेबल है। वह 69 की है, लेकिन उसके मन में, वह मेरी तरह 29 की ही जवान और खिली-खिली है।
“आहा… मैं तो कहती हूँ हर औरत के लिए समाज की यही राय होनी चाहिए”
रजनी चांडी का जन्म एक दक्षिण-भारतीय परिवार में हुआ था। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने से पहले 31 जुलाई 1970 को वर्गीज चांडी से शादी कर ली थी।
एक अभिनेत्री के रूप में अपना करियर शुरू करने से पहले, वह एक रियल एस्टेट कंपनी के लिए काम करती थीं। फिर, उसने महिलाओं और बुजुर्गों के लिए एक फिटनेस सेंटर भी खोला। उसके फिटनेस सेंटर के बंद होने के बाद, गणित का अभ्यास किया, और दो महीने के भीतर, उसने महारथ हासिल कर लिया फिर उन्होंने गरीब छात्रों के लिए ट्यूशन कक्षाएं लीं। कुछ वर्षों के बाद उसने ट्यूशन सेंटर को बंद कर दिया और सिलाई शुरू कर दी। फिर उसने शेयर बाजार में अपने पति की मदद करने के लिए NCFM टेस्ट पास किया। उन्होंने 2016 में मलयालम कॉमेडी-ड्रामा फिल्म ‘ओरु मुथसी गढ़ा’ में एक अभिनेता के रूप में शुरुआत की। फिर 5 जनवरी 2020 को बिग बॉस मलयालम 2 में एक प्रतिभागी के रूप में प्रवेश किया, जिसकी मेजबानी अभिनेता मोहनलाल ने की। वह घर में प्रवेश करने वाली पहली प्रतिभागी थीं और बिग बॉस घर की पहली कप्तान बनीं।
उनके शौक में गार्डनिंग, पेंटिंग और फिल्में देखना शामिल हैं।
शादी करने के बाद, वह 21 साल तक मुंबई में रहीं। वह वर्तमान में अपने पति के साथ केरल के अलुवा में रहती हैं।
उन्होंने 65 साल की उम्र में बतौर हीरोइन फिल्मों में पदार्पण किया था। उन्हें फिल्म ‘ओरु मुथसी गढ़ा’ में उनकी भूमिका के लिए कई पुरस्कार मिले।
वह अक्सर पार्टियों में शराब पीते हुए देखी जाती हैं। पर ये उनकी निज़ी ज़िंदगी है शौक़ की बात है, उसे मांसाहारी भोजन करना भी बहुत पसंद है। वह एक जानदार खेल प्रेमी भी है। इस तरह अपने दम पर और बलबुते पर ज़िंदगी के साथ कदम मिलाते चलने वाली रजनी चांडी महिला सशक्तिकरण का बेनमून उदाहरण है।

©भावना जे. ठाकर  

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